Why car catches fire: अभी मई की शुरुआत भी नहीं हुई, इससे पहले ही गर्मी अपना रूप दिखा रही है. देश के कई हिस्सों में तापमान लगातार बढ़ रहा है. बढ़ती गर्मी के कारण कार में आग लगने की भी घटनाएं देखने को मिलती है. कहीं पर दुर्घटना के कारण तो वहीं कुछ जगहों पर चलती कार में आग लगने की घटनाएं सामने आने लगी हैं.
बीते दिनों में की मामले पूरे देश से सामने आए हैं, जिसमें चलती कारें अचानक आग का गोला बन जाती हैं. खास बात यह है कि कार में बैठे लोगों को भनक तक नहीं लगती और कार धू धू कर जल उठती है. इन सब के बीच आपको हम बताने जा रहें हैं कि आखिर वाहनों में आग क्यों लगती है…?
जानिए वाहनों में क्यों लगती है आग?
जानकारी दें कि कार में आग लगने के पीछे कई प्रमुख कारण हो सकते हैं. कई बार कार में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग जाती है. इसी के साथ कई अन्य कारण भी है जिससे कार में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है. अमूमन देखने को मिलता है कि पुराने वाहनों में वायरिंग और बैटरियों के फॉल्ट के कारण भी आग लगने की घटनाएं देखने को मिलती है.
कई बार देखने को मिलता है कि कार जब लॉन्ग रूट पर देर तक चलती है तो टायर और रोड के बीच घर्षण देखने को मिलता है. इस स्थिति में टायर फटने की संभावना बढ़ जाती है. दौड़ती कार का टायर सीधे सड़क के संपर्क में रहता है और गर्षण के कारण टायर का तापमान काफी बढ़ जाता है इससे टायर फट जाते हैं. यदि इन मामलों में समय रहते ना ध्यान दिया जाए तो कोई बड़ी घटना हो सकती है.
कैसी कारों में आग का खतरा ज्यादा?
AutoInsuranceEZ द्वारा की गई एक स्टडी की मानें तो पेट्रोल-डीजल और इलेक्ट्रिक कारों के मुकाबले हाइब्रिड कारों में सबसे ज्यादा आग लगने की संभावना होती है. इस संस्था की एक स्टडी के अनुसार नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड द्वारा 2020 से रिकॉल किए गए वाहनों के उपलब्ध कराए गए आंकड़ों पर विश्लेषण किया गया. इस स्टडी में पाया गया कि बेंचे गए 1 लाख वाहनों में सबसे ज्यादा आगजनी की घटना हाइब्रिड कारों में देखने को मिली है. वहीं, दूसरे नंबर पर पेट्रोल और तीसरे नंबर पर इलेक्ट्रिक वाहन हैं.
इलेक्ट्रिक वाहन हाल ही में मार्केट में आए हैं. ऐसे में उनपर अभी कोई खास स्टडी सामने नहीं आ सकी है. हालांकि, माना जाता है कि इलेक्ट्रिक वाहनों में बैटरी पुरानी होने के साथ उनमें विस्फोट का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों की ओवर चार्जिंग और हाई टेम्पेरेचर के कारण उमसें आग लग जाती है. कुछ वाहनों में ऐसी आगजनी की समस्या देखने को मिली है.
सीएनजी फीटिंग में इन बातों का रखें ध्यान
सीएनजी कारों में भी आग लगने की काफी घटनाएं देखी गई हैं. एक्पर्ट्स का मानना है कि कभी भी कंपनी फीटेड सीएनजी कार सेफ मानी जाती है. हालांकि, कई बार लोग मार्केट में अपनी कार मेंं सीएनजी फिट कराते हैं जो आग लगने की संभावना बढ़ाता है.
दरअसल, कंपनी फीटेड सीएनजी में सभी मानको का ध्यान रखा जाता है. वहीं, मार्केट में जो सीएनजी कार में फिट की जाती है. उसमें किसी बात का ध्यान नहीं रखा जाता है. ऐसी स्थिति में कई बार सीएनजी फ्यूल पंप के वॉल्व या नॉजिल में लीकेज के कारण गाड़ियों में आग लग जाती है.
कार में आग लगने के मुख्य कारण
- दूसरे वाहन से टक्कर के बाद कार में आग लगने का खतरा काफी बढ़ जाता है.
- शॉर्ट सर्किट से भी लग जाती है आग.
- ऑयल या फिर सीएनजी गैस लीक होने के कारण भी आग लग जाती है.
- सीएनजी, पेट्रोल डीजल वाहनों में ओवरहीटिंग के कारण भी आग लग जाती है.
- कार की सही देख रेख ना होने के कारण भी आग लगने का खतरा होता है.
- कार में कई बार स्मोकिंग मैटेरियल रखने के कारण भी आग लगने की संभावना है.
- कार की बैटरी डैमेज होने की वजह से.
- कार की वायरिंग गलत होने से कार में आग लगने की संभावना होती है.
चलती कार में आग लगने पर करें ये काम
- कार चलाने के दौरान कभी भी अगर आपको स्मोक या धुंएं की गंध आए तो वाहन को तत्काल रोकें.
- कार के इंजन को बंद करें और कार से बाहर निकल जाएं.
- कई बार इस स्थिति में कार के दरवाजे काम नहीं करते हैं, इस परिस्थिति में कार की विंडो तोड़ें और बाहर आने का प्रयास करें.
- बाहर आकर कार से दूर खड़े हों और आग बुझाने का प्रयास करें.
- कभी भी इस स्थिति में कार के बोनेट को ना खोलें. इसमें आग होने की संभावना हो सकती है.
- कार में आग लगने की स्थिति में फायरब्रिगेड को या पुलिस को कॉल करें.