कैसे होता है अघोरियों का अंतिम संस्‍कार? रहस्य जान कांप उठेगा शरीर का रोम-रोम

भगवान शंकर के उपासक अघोरी बाबाओं का जीवन जीतना कठिन होता है, उतना ही रहस्‍यमयी भी.

अघोरियों के जीवन से जुड़े कुछ ऐसे रहस्य हैं, जो आपके रोंगटे खड़े कर देंगे. इन्ही में से एक है अघोरियों का अंतिम संस्‍कार.

अघोर संप्रदाय के साधु श्‍मशान घाट पर ही अपनी रात गुजारते हैं. वो यहां मुर्दों के साथ तंत्र साधना करते हैं.

अघोरियों के बारे में कहा जाता है कि श्‍मशान में अधजली लाशों का मांस खाते हैं.

अघोरी वैरागी होते हैं और ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं, लेकिन उनके बारे में कहा जाता है कि वो शवों के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं.

अघोरी इसे अपनी साधना का एक हिस्‍सा मानते हैं. अघोरियों की अंतिम संस्‍कार की प्रक्रिया भी बहुत अलग होती है.

अघोरियों के शव को ना जलाया जाता है और ना दफनाया जाता है. रात में कुछ अनुष्‍ठान करने के बाद अघोरियों के शव को गंगा नदी में बहा दिया जाता है.

अघोरी शिव की जटाओं से निकली गंगा की गोद में ही समा जाते हैं.

अघोरी कुत्तों को अपना वफादार साथी मानते हैं और उन्हें वो अपने साथ रखते हैं.