जितिया व्रत में इन बातों का रखें खास ख्याल, वरना अधूरी रह जाएगी पूजा

हर साल अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है. इसे जितिया के नाम से भी जानते हैं.

धार्मिक मान्यतानुसार इस दिन महिलाएं संतान की दीर्घायु के लिए और उसके सुखी जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं.

इस साल 25 सितंबर, बुधवार के दिन जितिया व्रत रखा जाएगा.

शास्त्रों के अनुसार, इस दिन कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए, वरना पूजा अधूरी रह जाती है.

जितिया व्रत के एक दिन पहले “नहाय-खाय” की परंपरा है. इस दिन महिलाओं को केवल एक बार ही भोजन करना चाहिए.  

जितिया व्रत के दिन महिलाओं को निर्जला व्रत रखना होता है. इस दिन विधि-विधान से गंधर्व राजकुमार जीमूतवाहन की कुश से बनी मूर्ति की पूजा करनी चाहिए.

वहीं, इसका पारण जितिया व्रत के अगले दिन यानी नवमी तिथि को किया जाता है.

जितिया व्रत में भूलकर भी तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.

इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और इस दिन घर में लड़ाई झगड़े से बचना चाहिए.

इस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए. उन्हें जमीन पर ही सोना चाहिए.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)