शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से पहले जान लें सही नियम, वरना अधूरी रह जाएगी पूजा  

भगवान शिव को समर्पित सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होने वाला है. भोलेनाथ को प्रसन्न करने के सावन का सोमवार सबसे उत्तम दिन माना गया है.

माना जाता है कि सावन में शिवजी को बेलपत्र चढ़ाकर पूजन करना चाहिए, क्योंकि बेलपत्र भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय होता है.

शास्त्रों में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के कुछ खास नियम दिए गए हैं, जिसका पालन करना आवश्यक है. आइए जानते हैं...

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय उसकी संख्या का खास ध्यान रखें. आप शिवलिंग पर 11, 21, 51 या 101 बेलपत्र चढ़ा सकते हैं.

बेलपत्र चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि वो कहीं कटा-फटा ना हो. बेलपत्र की 3 पत्तियां शिवलिंग पर चढ़ाई जाती हैं. अगर उसमें से कोई पत्ति फटी हो, तो उसे न चढ़ाएं.

शिवलिंग पर हमेशा उल्टा बेलपत्र चढ़ाना चाहिए. इस बात का ध्यान रखें कि बेलपत्र अनामिका, अंगूठे और मध्यम अंगुली की मदद से बीच वाली पत्ति को पकड़कर चढ़ाएं.

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के बाद जल जरूर चढ़ाएं.

शास्त्रों में कुछ ऐसे दिन बताए गए हैं, जिस दिन बेलपत्र भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए. जैसे सोमवार, चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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