सावन में कब-कब रखा जाएगा मंगला गौरी व्रत, यहां जानिए पूजा विधि
भगवान शिव को समर्पित सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होने वाला है. भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सावन महीना सबसे उत्तम माना गया है.
माना जाता है कि सावन में भगवान शिव की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. वहीं, सावन में मंगलवार को पड़ने वाले मंगला गौरी का भी खास महत्व होता है.
मंगला गौरी के दिन माता पार्वती की पूजा की जाती है. इस दिन सुहागन अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं.
आइए आपको बताते हैं मंगला गौरी व्रत की तारीख और पूजा विधी...
23 जुलाई पहला मंगला गौरी व्रत30 जुलाई दूसरा मंगला गौरी व्रत6 अगस्त तीसरा मंगला गौरी व्रत13 अगस्त चौथा मंगला गौरी व्रत
मंगला गौरी के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भोलेनाथ के मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं.
माता पार्वती के सामने घी का दीपक जलाएं. फिर पति-पत्नी पहले भगवान शिव को वस्त्र अर्पित करें और माता पार्वती को 16 श्रृंगार का सामान चढ़ाएं.
इसके बाद भगवान को फूल, फल और मिठाई का भोग लगाएं और धूप, दीप चढ़ाएं. इसके बाद पति-पत्नी भगवान शिव और माता पार्वती की परिक्रमा करें.
अंत में मंगला गौरी व्रत कथा का पाठ करें और आरती करें.