दुर्गा सप्तशती का पाठ करते वक्त न करें ये गलतियां, वरना...

मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि का आज दूसरा दिन है. आज के दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है.

नवरात्रि में भक्त मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कलश स्थापना और श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं.

दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बेहद शुभ होता है, लेकिन पाठ करते समय कुछ खास नियमों का पालन करना जरूरी होता है, वरना मां दुर्गा नाराज हो जाती हैं.

जिस भी घर में नवरात्रि के दौरान कलश स्थापना की जाती है, वहां श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करना चाहिए.

दुर्गा सप्तशती की पुस्तक को भूलकर भी हाथों में लेकर नहीं पढ़ना चाहिए. इससें उचित फल नहीं मिलता है.

साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर दुर्गा सप्तशती पुस्तक रख दें. इसके बाद कुमकुम, चावल, फूल अर्पित करके पाठ की शुरुआत करें.

श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ पढ़ने से पहले और पढ़ने के बाद 'ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे' मंत्र का जाप करें. ध्यान रहे कि इस मंत्र को धीमी आवाज में पढ़ें.

श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ शुद्ध तन-मन से पढ़ना चाहिए. स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए. ध्यान रहे कि एक भी शब्दों का गलत उच्चारण न करें.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)