अटल बिहारी वाजपेयी के अनमोल सुविचार, यहां पढ़ें

25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी देश के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में एक माने जाते हैं.

वाजपेयी जी ने तीन बार देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली. वह देश के इकलौते ऐसे नेता थे, जिन्हें विपक्ष से भी हमेशा सम्मान मिला. 

अटल जी की 99वीं जयंती के अवसर पर आज हम आपके लिए कुछ खास कोट्स लेकर आए हैं. उनके ये अनमोल विचार न केवल युवाओं के जीवन को नई दिशा देंगे बल्कि यह सफलता के मूलमंत्र की तरह हैं.

छोटे मन से कोई बड़ा नहीं हो सकता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं हो सकता.

हम अहिंसा में विश्वास रखे हैं और यह चाहते हैं कि विश्व के संघर्षों का समाधान शांति और समझौते के मार्ग से हो.

जीवनरूपी फूल को पूर्ण ताकत के साथ खिलाएं.

परमात्मा भी आकर कहे कि छुआछूत मानो, तो मैं ऐसे परमात्मा को भी मानने को तेयार नहीं लेकिन परमात्मा ऐसा कर ही नहीं सकता.

मनुष्य जीवन अनमोल निधि है पुण्य का प्रसाद है. इसे केवल अपने लिए ही ना जीए, दूसरों के लिए भी जिए.

अपना जीवन जीना एक कला है, एक विज्ञान है. इन दोनों में समन्वय आवश्यक है.

भारत, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैला हुआ एक राष्ट्र है, अनेक राष्ट्रीयताओं का समूह नहीं.

हमे जलना होगा, गलना होगा. कदम मिलकर चलना होगा.

सूर्य एक सत्य है जिसे झुठलाया नहीं जा सकता. लेकिन ओस की बूंद भी तो एक सच्चाई है, यह बात अलग है कि यह क्षणिक है.

इंसान बनो, केवल नाम से नहीं, रूप से नहीं, शक्ल से नहीं बल्कि हृदय से, बुद्धि से, ज्ञान से बनो.

मन हारकर मैदान नहीं जीते जाते, न मैदान जीतने से मन जीते जाते हैं.

मनुष्य को चाहिए कि वह परिस्थितियों से लड़ें, एक स्वप्न टूटे, तो दूसरा गढ़े.