Sushant Singh Rajput के वो डायलॉग, जो आज भी हैं लोगों के दिल में जिंदा
बॉलीवुड के दिंवगत एक्टर Sushant Singh Rajput को आज दुनिया को अलविदा कहे 4 साल हो गए.
SSR भले ही आज लोगों के बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें अभी भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं.
सुशांत ने बेहद ही कम समय में बॉलीवुड को बेहतरीन फिल्में दी हैं. इन फिल्मों में उनके कुछ चुनिंदा डायलॉग्स भी हैं, जो लोगों की आंखों को नम कर देते हैं.
फिल्म 'सोन चिड़िया'- 'गैंग से तो भाग लूंगा वकील, अपने आप से कैसे भागूंगा'.
फिल्म- 'पीके'- 'जिस महफिल ने ठुकराया हमको, क्यों उस महफिल को याद करें, आगे लम्हा बुला रहा, आओ उसके साथ चलें'.
फिल्म- 'एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी'- 'तुम्हारा रिजल्ट डिसाइड नहीं करता है कि तुम लूजर हो कि नहीं, तुम्हारी कोशिश डिसाइड करती है.'
फिल्म- 'राबता'- 'अगर रोजे नहीं रखे तो फिर ईद का क्या मजा'.
फिल्म- 'छिछोरे'- 'सक्सेस के बाद का प्लान सबके पास है, लेकिन अगर गलती से फेल हो गए तो फेलियर से कैसे डील करना है इसकी कोई बात ही नहीं करना चाहता'.
फिल्म- 'छिछोरे'- 'हम हार जीत, सक्सेस फेलियर में इतना उलझ गए है कि ज़िन्दगी जीना भूल गए है. ज़िन्दगी में अगर कुछ सबसे ज़्यादा जरुरी है तो वो है खुद जिंदगी'.
फिल्म- 'दिल बेचारा'- 'जन्म कब लेना है और मरना कब है ये हम डिसाइड नहीं कर सकते, लेकिन कैसे जीना है वो हम डिसाइड कर सकते हैं.'
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