जानिए कब है गायत्री जयंती, ये आरती गाकर करें माता को प्रसन्न

गायत्री जयंती का खास महत्व है. इस दिन अगर गायत्री माता की पूजा सच्चे मन से करें, तो मां की कृपा सदैव बनी रहेगी. 

माता गायत्री को वेद माता के रूप में पूजा जाता है. इसलिए उन्हें वेद माता भी कहा जाता है. मान्यता है कि मां गायत्री जयंती के दिन वह ज्ञान के रूप में प्रकट हुई थीं. 

कहते हैं इस दिन माता की आराधना से कभी न खत्म होने वाले ज्ञान की प्राप्ति होती है. साथ ही जीवन कल्याण की राह पर अग्रसर होता है. 

आपको बता दें कि इस साल गायत्री जयंती 17 जून को है.  ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है. 

इस दिन माता को प्रसन्न करने के लिए विधि विधान से पूजा करें. इस दौरान विशेष आरती से पूजा खत्म कर सकते हैं. 

।।गायत्री माता की आरती।। जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता । सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥

आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक क‌र्त्री । दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥ ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन जगत धातृ अम्बे । भव भयहारी, जन-हितकारी, सुखदा जगदम्बे ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥

भय हारिणी, भवतारिणी, अनघेअज आनन्द राशि । अविकारी, अखहरी, अविचलित, अमले, अविनाशी ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥ कामधेनु सतचित आनन्द जय गंगा गीता । सविता की शाश्वती, शक्ति तुम सावित्री सीता ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥

ऋग, यजु साम, अथर्व प्रणयनी, प्रणव महामहिमे । कुण्डलिनी सहस्त्र सुषुमन शोभा गुण गरिमे ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥ स्वाहा, स्वधा, शची ब्रह्माणी राधा रुद्राणी । जय सतरूपा, वाणी, विद्या, कमला कल्याणी ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥

जननी हम हैं दीन-हीन, दु:ख-दरिद्र के घेरे । यदपि कुटिल, कपटी कपूत तउ बालक हैं तेरे ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥ स्नेहसनी करुणामय माता चरण शरण दीजै । विलख रहे हम शिशु सुत तेरे दया दृष्टि कीजै ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥

काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव द्वेष हरिये । शुद्ध बुद्धि निष्पाप हृदय मन को पवित्र करिये ॥ ॥ जयति जय गायत्री माता..॥ जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता । सत् मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता ॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)