आखिर छींकते वक्त क्यों बंद हो जाती हैं आंखें? जानिए रोचक रहस्य

धूल-मिट्टी या एलर्जी के कारण हमें अक्सर छींक आने लगती है. अगर नाक में बैक्टीरिया या वायरस घुस जाता है, तो वो छींक के जरिए बाहर आ जाता है.

छींक आना एक आम बात है, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि छींकने के दौरान हमारी आंखें क्यों बंद हो जाती हैं.

दरअसल, छींकना एक रक्षानात्मक प्रतिक्रिया है जिसे अंग्रेजी में defense mechanism कहा जाता है.

ये प्रतिक्रिया हमारे शरीर से जुड़े अनोखे रहस्य में से एक है. कुछ लोगों का मानना है कि छींकते वक्त आंखें न बंद करने पर आंखें बाहर आ सकती है.

हालांकि, इसके पीछे ये कारण बताया गया है कि छींकने वक्त आंखें रिफ्लेक्स एक्शन की वजह से बंद होती हैं.

ट्राईजेमिनल नामक एक नस पलक झपकने के लिए जिम्मेदार मानी जाती है, जो चेहरे, मुंह, आंख, नाक, जबड़े को कंट्रोल करती है.

धूल-मिट्टी के कण फंसने पर दिमाग लंग्स को ज्यादा हवा भरने का संदेश भेजता है और छींक आने पर सभी अवरोध हटाने का निर्देश देता है.

यही निर्देश ट्राईजेमिनल नर्व को भी मिलता है, जिससे आंखें बंद हो जाती हैं.

छींकने पर लंग्स में भरी हवा तेज गति से बाहर आती हैं. ऐसे में छींक को रोकना या दबाना नुकसानदायक हो सकता है.