हेयर स्ट्रेटनिंग और कलरिंग फैशन ट्रेंड नहीं बल्कि जानलेवा है, जानें 

हेयर कलरिंग, हेयर स्ट्रेटनिंग और हेयर स्मूथिंग सभी उम्र के लोगों के फैशन ट्रेंड का हिस्सा बनते जा रहे हैं.

लेकिन डॉक्टर ने इन फैशन ट्रेंड को लेकर वार्निंग दी है.

उन्होंने कहा कि जो हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट्स में फॉर्मेल्डिहाइड और फॉर्मेल्डिहाइड-रिलीजिंग कैमिकल्स होते हैं. उसके कारण कैंसर का खतरा बढ़ता है.

बालों को सीधा करने वाले प्रोडक्ट के इस्तेमाल से थोड़े टाइम के लिए बाल सीधा तो हो जाता है लेकिन यह कई सारी गंभीर समस्याओं को जन्म देता है.

फॉर्मेल्डिहाइड के धुएं से आंख, नाक और गले में जलन पैदा होता है. सांस से जुड़ी दिक्कत भी हो सकती है.

ज्यादा हेयर प्रोडक्ट के इस्तेमाल से महिलाओं में गर्भाशय के कैंसर का खतरा बढ़ता है.

साल 2022 के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के मुताबिक केमिकल के इस्तेमाल के बाद जो धुआं निकलता है उससे गर्भाशय कैंसर का खतरा बढ़ता है.

दरअसल, फॉर्मेल्डिहाइड इन कैंसर्स सेल्स को ट्रिगर करती है और शरीर में म्यूटेशन को बढ़ावा देती है. 

एक रिसर्च के मुताबिक बालों में कलर करने से ब्लैडर कैंसर का खतरा भी बढ़ता है.

हेयर डाई लगभग 80 प्रतिशत प्रोडक्ट हाइड्रोजन पेरोक्साइड से बनता है जो कि कार्सिनोजेनिक फॉर्मूलेशन है.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी, विधि, तरीक़ों पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)