India vs China: भारत या चीन किस देश से होगी ये डिफेंस डील, वेपन सिस्टम फुली ऑटोमैटिक

ब्राजील के एयर डिफेंस मिसाइल कॉन्ट्रैक्ट के लिए भारत और चीन के बीच प्रतियोगिता देखने को मिल रही है. 

भारतीय आकाश मिसाइल से चीनी स्काई ड्रैगन-50 को चुनौती दे रही है. नवीनतम रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि ब्राजील की सेना एयर डिफेंस सिस्टम का मूल्यांकन कर रही है.

यह मूल्यांकन ब्राजील की सेना की तरफ से 21 जून को जारी अध्यादेश के बाद हो रहा है. नोफिकेशन मध्यम ऊंचाई/उच्च ऊंचाई वायु रक्षा तोपखाना प्रणाली प्रोजेक्ट के अधिग्रहण के लिए जारी किया गया था.

ब्राजील सेना ने बीते साल नवंबर में आर्मी ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मध्यम-ऊंचाई वाले वायु रक्षा डिफेंस सिस्टम की कीमतों को लेकर अनुरोध उद्धरण जारी किया. वहीं, फरवरी 2024 में दूसरा RFQ जारी हुआ.

द यूरेशियन टाइम्स ब्राजील के सैन्य प्रमुख जनरल टॉमस मिगुएल माइन रिबेरो पाइवा ने आकाश एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम हासिल करने के लिए भारत के साथ 'सरकार-से-सरकार' समझौते का सुझाव दिया.

जनरल पाइवा अगस्त में संभावित द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा करने के लिए चीन का भी दौरा करने वाले हैं. इससे पहले ब्राजील के एक सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने 2023 में स्काई ड्रैगन 50 या तियानलोंग-50 को लेकर बात की थी.

इसके अलावा एसएच15 स्व-चालित हॉवित्जर के लाइव फायर प्रदर्शन के लिए चीन का दौरा किया था. ये दोनों ही तोपें चाइना नॉर्थ इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन द्वारा बनाई गई हैं.

जनरल पाइवा ने अगस्त 2023 में भारत की आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का लाइव प्रदर्शन भी देखा था. उन्हें अन्य भारतीय निर्मित रक्षा प्लेटफॉर्म भी दिखाए गए.

उन्नत अर्जुन टैंक और बहुमुखी उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव. इस कार्यक्रम में हवाई क्षेत्र की सुरक्षा में आकाश प्रणाली की क्षमता पर प्रकाश डाला गया और रक्षा टेक्नोलॉजी में भारत की आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित किया गया.

स्काई ड्रैगन 50 को मध्यम दूरी की SAM के रूप में क्लासीफाइ किया गया है, लेकिन इसकी रेंज पब्लिक डोमेन में नहीं है. 

वहीं, आकाश छोटी दूरी की SAM प्रणाली है. इसे भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने खास तौर पर हवाई हमले से कमजोर क्षेत्र की रक्षा के लिए बनाया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आकाश हथियार प्रणाली ग्रुप मोड या ऑटोनोमस मोड में एक साथ कई टारगेट्स को खत्म कर सकती है. इसमें खास बिल्ट-इन इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर्स फीचर्स हैं. इस हथियार का सिस्टम मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म पर लगाया गया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आकाश हथियार प्रणाली ग्रुप मोड या ऑटोनोमस मोड में एक साथ कई टारगेट्स को खत्म कर सकती है. इसमें खास बिल्ट-इन इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर्स फीचर्स हैं. इस हथियार का सिस्टम मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म पर लगाया गया है.

दरअसल, आकाश मिसाइल 4-25 किमी रेंज में आने वाले हेलीकॉप्टर, लड़ाकू जेट को निशाना बना सकती है. ये सिस्टम ऑटोमैटिक है. इसलिए ये फौरन टारगेट का पता लगाकर मार गिराता है. 

रिपोर्ट के अनुसार  DRDO का दावा है कि ये दुनिया की पहली ऐसी प्रणाली है, जो एक ही फायरिंग यूनिट का उपयोग कर कमांड गाइडेंस के जरिए 25 किमी की रेंज में एक बार में 4 लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम है.

इसे जल्द तैनात किया जा सकता है. सड़क या रेल के माध्यम से तेजी से लाया या ले जाया जा सकता है. इसमें 82 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री  लगी है, जो 2026-27 तक बढ़कर 93 प्रतिशत हो जाएगी.

आकाश वेपन सिस्टम युद्ध के मैदान में चुस्ती और फुर्ती दिखाता है. भारतीय सेना और वायु सेना ने पहले ही आकाश को शामिल कर लिया है.

दरअसल, आर्मेनिया ने पहले ही भारत में निर्मित एसएएम को हासिल करने का ऑर्डर दे दिया है. साथ ही दक्षिण अमेरिका, मध्य पूर्व, अफ्रीकी देश, फिलीपींस और वियतनाम ने इस मिसाइल प्रणाली में रुचि दिखाई है.