International News: भारत-चीन के बीच हुआ बॉर्डर एग्रीमेंट! किसने निभाया बड़ा रोल?
भारत और चीन का सीमा विवाद नया नहीं है. साल 2020 में सीमा विवाद को लेकर हिंसक झड़प हुई थी. इससे इलाके में हालात तनावपूर्ण हो गए थे.
इस तनावपूर्ण इलाके में अब चीन का रुख बदला बदला नजर आ रहा है. सवाल ये है कि क्या इस मामले में अमेरिका ने अंदरखाने कोई भूमिका निभाई है?
दरअसल, कुछ दिन पहले पीएम मोदी के रूस दौरे से ठीक पहले भारत-चीन के बीच बड़ी डील हो गई थी.
बता दें कि 5 साल से पूर्वी लद्दाख में लगातार भारत-पाक के बीच तनातनी चल रही थी, जो समाप्त हो गई.
पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक दूसरे से हाथ भी मिलाए. साथ ही बात भी की. फिलहाल, विवादित इलाके में चीन के तंबू भी उखड़ गए हैं.
इस मामले को लेकर ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अमेरिका ने कोई भूमिका निभाई हो. अब बाइडन सरकार ने स्थिति स्पष्ट की है.
मामले में मिलर ने कहा कि अमेरिका की इसमें कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा, 'हमने अपने भारतीय साझेदारों से बात की है. हमें इसकी जानकारी दी गई है, लेकिन हमने इस समाधान में कोई भूमिका नहीं निभाई है.'
रक्षा सूत्रों की मानें, तो दोनों देशों के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख के देपसांग मैदानों और डेमचोक में अस्थायी ढांचों को हटा दिया है. सैनिकों पीछे के क्षेत्रों में चले गए हैं. वहीं, पेट्रोलिंग 10 से 15 सैनिकों वाले छोटे-छोटे दल से की जाएगी.
दरअसल, एलएसी पेट्रोलिंग समझौता 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले घोषित हुआ था. सम्मेलन रूस के कजान में 22 से 24 अक्टूबर के बीच हुआ था. इसमें PM मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भाग लिया.