क्या बेंजामिन नेतन्याहू होंगे गिरफ्तार! बढ़ सकती है इजरायली पीएम की मुश्किलें 

इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इजरायल व हमास के बीच चल रही जंग को लेकर इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में मुकदमा चल रहा है. 

इसको लेकर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और हमास के टॉप- तीन नेताओं को आरोपी बनाया गया है. इसमें इन नेताओं की गिरफ्तारी के लिए अरेस्‍ट वारंट जारी करने की मांग की गई है. 

दरअसल, बीते साल इजरायल पर 7 अक्टूबर को हमास ने हमला किया. हमले के बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की थी. इसमें बड़ी संख्‍या में गाजा के लोगों को जान गंवानी पड़ी.

बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय यानी ICC हमास के 3 वरिष्ठ नेताओं की गिरफ़्तारी को लेकर वारंट जारी करने पर विचार कर रहा है. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो-बिडेन ने कहा है कि इज़राइल और हमास के बीच "कोई समानता नहीं है".

इज़राइली पीएम ने भी इस घोषणा को लेकर नाराज़गी जताई है. साथ ही आईसीसी के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट की मांग कर रहा है. 

आईसीसी के मुख्य अभियोक्ता करीम खान ने कहा, 'ये मानने के लिए उचित आधार हैं कि बेंजामिन नेतन्याहू और इज़राइली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट गाजा में कथित युद्ध अपराधों और मानवता के ख़िलाफ़ अपराधों के लिए ज़िम्मेदार थे.

नेतन्याहू ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा "ये बिल्कुल वैसा ही है जैसा कि नया यहूदी-विरोधीवाद दिखता है. यह पश्चिम के परिसरों से हेग की अदालत में चला गया है. यह कितनी शर्म की बात है."

सोमवार को नेतन्याहू ने इस फैसले की निंदा की. साथ ही इसे 'वास्तविकता से कोसों दूर' करार दिया. उन्होंने कहा, 'मैं हेग अभियोजक द्वारा लोकतांत्रिक इजराइल और हमास के सामूहिक हत्यारों के बीच तुलना को कड़े शब्दों में अस्वीकार करता हूं.' 

अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय साल 2002 में नैदरलैंड्स की राजधानी द हेग में स्थापित आपराधिक न्यायालय है, यहां युद्ध अपराधों व मानवता के विरुद्ध आपराधिक मामलों में मुक़दमा चलाया जा सकता है. 

सोमवार को आईसीसी ने इसराइली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतनयाहू, प्रतिरक्षा मंत्री योआव गैलान्ट और हमास के तीन नेताओं के विरुद्ध गिरफ़्तार वॉरन्ट जारी किए जाने का अनुरोध किया है. 

आईसीसी युद्ध के दौरान अपराधों, मानवता के खिलाफ अपराधों, नरसंहार मामले में मुकदमा चलाती है. इजराइल, अमेरिका, चीन और रूस सहित कई देश न्यायालय के क्षेत्राधिकार को स्वीकार नहीं करते हैं.

आईसीसी के अभियोजक का आरोप है कि गाजा युद्ध में इजरायल ने भूख को नागरिकों के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल किया है और उनके पास इसके पुख्ता सबूत हैं. 

अभियोजक ने हमास के तीन नेताओं के खिलाफ भी 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले के संबंध में गिरफ्तारी वॉरंट मांगा है. अभियोजक का कहना है कि ये निर्णय स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का नतीजा है. अब अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के जज ये तय करेंगे कि गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया जाए या नहीं.

अदालत भले ही इजराइल के पीएम के खिलाफ वॉरंट की तैयारी कर रहा हो, लेकिन इजराइल इसे मान्यता नहीं देता, क्योंकि इजराइल इस अदालत का सदस्य नहीं है.

हालांकि, फिलिस्तीनी क्षेत्र को 2015 में इस कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में शामिल किया गया था. वहीं, नेतन्याहू ने घोषणा की है कि उनके रहते फिलिस्तीनियों को कभी आजादी नहीं मिलेगी. 

इस बीच नेतन्याहू ने आईसीसी की मांग को बेतुका और झूठा बताया है. ऐसे में अगर गिरफ्तारी वॉरंट जारी भी किया जाता है, तो नेतन्याहू को तत्काल जोखिम का सामना नहीं करना पड़ेगा.

अगर नेतन्याहू पर लगे आरोप सही मिले, तो वह आरोपी को उपस्थित होने के लिए बुला सकता है. कोर्ट अरेस्‍ट वॉरंट भी जारी कर सकता है. 

इजरायल के विदेश मंत्री ने कहा, "उनके नेताओं के खिलाफ वॉरंट की मांग करने का मुख्य अभियोजक का निर्णय एक ऐतिहासिक अपमान है, जिसे हमेशा याद रखा जाएगा."