International News: पौलेंड बढ़ाने लगा बॉर्डर पर फोर्स, यूरोप में खतरे की आहट!
पोलैंड के सेना प्रमुख ने बुधवार को बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि पोलैंड बड़े संघर्ष के लिए तैयार है. उनका ये बयान उस समय आया, जब पोलैंड रूस और बेलारूस के साथ अपनी सीमा पर सैनिक बढ़ा रहा है.
दरअसल, रूस और बेलारूस के साथ पोलैंड के संबंध खराब हो गए हैं. फरवरी 24 साल 2022 के बाद मॉस्को ने पड़ोसी यूक्रेन में हजारों सैनिक भेजकर युद्ध का ऐलान कर दिया.
रॉयटर्स के अनुसार आर्मी चीफ जनरल विसलाव कुकुला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि आज हमें अपनी सेनाओं को पर संघर्ष के लिए तैयार करने की जरूरत है.' उन्होंने कहा कि बॉर्डर मिशन और सेना में ट्रेनिंग की तेजी के बीच एक अच्छा संतुलन बनाने की जरूरत है.’
इसी कार्यक्रम में बोलते हुए उप रक्षा मंत्री पावेल बेज्डा ने कहा कि अगस्त से पोलैंड की पूर्वी सीमा की रक्षा करने वाले सैनिकों की संख्या वर्तमान 6,000 से बढ़ाकर 8,000 कर दी जाएगी. 9,000 अतिरिक्त सैनिक 48 घंटे के नोटिस के भीतर तैनात किए जा सकेंगे.
मई में, पोलैंड ने बेलारूस और रूस के साथ अपनी सीमा पर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 10 बिलियन ज़्लॉटी ($ 2.5 बिलियन) के प्रोग्राम ‘ईस्ट शील्ड’ की घोषणा की थी जिसे 2028 तक पूरा करने की योजना है.
बेलारूस के साथ सीमा तब से एक फ्लैशपॉइंट रही है जब से 2021 में प्रवासियों ने वहां आना शुरू किया था. उस वक्त बेलारूस ने मध्य पूर्व में ट्रैवल एजेंसियों को खोलकर यूरोप में एक नया अनौपचारिक मार्ग पेश किया था.
रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के वाद वारसॉ ने इस वर्ष अपने आर्थिक उत्पादन के 4% से अधिक रक्षा व्यय को बढ़ा दिया है.
पिछले साल के अंत तक सशस्त्र बलों का आकार लगभग 190,000 कर्मियों का था. इसमें थल, वायु, नौसेना, विशेष बल और प्रादेशिक रक्षा बल शामिल थे. पोलैंड की योजना कुछ वर्षों में इसे बढ़ाकर 300,000 सैनिक करने की है.
यूरेशिया टाइम्स के मुताबिक 9 जुलाई को, पेंटागन ने कनफर्म किया कि पोलैंड $2 बिलियन के सौदे में F-35 स्टील्थ फाइटर्स, पैट्रियट मिसाइल सिस्टम और अब्राम टैंक खरीदेगा.
रिपोर्ट के मुताबिक जब से रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया है, पोलैंड को सबसे अधिक चिंता इस बात की है कि वह अगला टारगेट हो सकता है.
पोलिश-रूसी संबंध पारंपरिक रूप से जटिल रहे हैं. वे कुछ हद तक अपने भू-रणनीतिक स्थान और जटिल साझा इतिहास से आकार लेते हैं.
यूरेशिया टाइम्स के अनुसार पोलैंड ने यूक्रेन को लेकर एक मजबूत रुख अपनाया है. पोलैंड यूक्रेन को ड्रोन सहित महत्वपूर्ण हथियार दे रहा है. इसने बड़ी संख्या में यूक्रेनी लोगों को शरणार्थी के तौर रहने की अनुमति दी है.
पोलैंड अब खुद को पुतिन के नेतृत्व वाले रूस का सामना करने वाला अग्रिम पंक्ति का नाटो राज्य मानता है. बता दें पोलैंड 1999 में नाटो में शामिल हुआ. नाटो और संयुक्त राज्य अमेरिका पोलैंड को अपनी सैन्य शक्ति मजबूत करने में मदद कर रहे हैं.