International News: ब्रिटेन में कल होगा मतदान, जानिए किसने बढ़ाई प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की टेंशन?
ब्रिटेन में कल यानी 4 जुलाई को आम चुनाव होने है. लोगों के मतदान से तय हो जाएगा कि कंजर्वेटिव पार्टी की वापसी होती है या लेबर पार्टी सरकार बनाती है.
हाल ही में भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को ब्रिटेन के कई मंदिरों में देखा गया. इसकी बड़ी वजह ये है सुनक ब्रिटेन में रह रही भारतीय आबादी को लुभाना चाह रहे थे.
ब्रिटेन के चुनाव में भारतीय मूल के करीब 25 लाख लोग वोट करेंगे. भारतीय ब्रिटेन की कुल आबादी का 2.5-3% हिस्सा हैं. यह समुदाय ब्रिटेन में काफी प्रभावशाली माना जाता है.
उद्योग से लेकर आर्थिक क्षेत्र में उनका योगदान है. साल 2015-18 के बीच ब्रिटेन निवासी भारतीय आबादी के 42 प्रतिशत लोग हर महीने 4 हजार पाउंड कमाते थे, जो बाकी समुदायों से बहुत अधिक है. ब्रिटेन की GDP में भारतीय आबादी लगभग 6 प्रतिशत का योगदान देती है.
साल 2022 में जब सुनक प्रधानमंत्री बने, तब भारत में भी जश्न मना. बताया जा रहा है कि इस बार उनकी राह बहुत मुश्किल है. सुनक से अपने लोग ही नाराज हैं. कई भारतीय सुनक से खफा है.
हाल ही में यूके में टेक्नोलॉजी इन्वेस्टर अश्विन कृष्णस्वामी ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से कहा था कि कई समस्याओं का समाधान नहीं हुआ. प्रवासी कंजर्वेटिव पार्टी के खिलाफ नजर आ रहे हैं.
यही कारण है कि लोग नई सरकार लाना चाह रहे हैं. लंदन में रहने वाले प्रियजीत देबसरकर ने SCMP को बताया कि कंजर्वेटिव पार्टी में पहले ही काफी परिवर्तन आ चुके हैं. इसलिए लोगों को यकीन नहीं है कि सुनक PM बने रहेंगे.
YouGov ने हाल ही में एक सर्वे किया. इसमें भारतीयों ने कहा कि सुनक ने डेढ़ साल में भारतीयों के पक्ष में कोई बड़ा फैसला नहीं किया. भारतीय आबादी वीजा के नियमों में छूट चाह रही थी. लेकिन सुनक के नेतृत्व बाली सरकार ने इन नियमों को और कड़ा कर दिया है.
इसके अलावा, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ब्रिटेन में सुनक के आने के बाद करीब 50 हिंदू मंदिर बंद हो गए हैं. इससे हिंदू आबादी में आक्रोश है.
रिपोर्ट्स का कहना है कि भारतीय वोटर्स को भरोसा नहीं है कि कंजर्वेटिव पार्टी के जीतने पर फिर से सुनक PM बन जाएंगे, क्योंकि PM पद के लिए पार्टी के ही जेम्स क्लेवरली, केमी बेडनॉच और बोरिस जॉनसं समेत अन्य नेताओं का भी नाम है.
YouGov के सर्वे में खुलासा हुआ कि ब्रिटेन में लगभग 65 प्रतिशत भारतीय ऋषि सुनक के खिलाफ हैं. वह सुनक को वोट नहीं करना चाहते.
द इकोनोमिस्ट के सर्वे की मानें, तो कंजर्वेटिव पार्टी से सुनक को 650 में महज 117 सीटें और सुनक के विरोधी कीर स्टार्मर की लेबर पार्टी को 516 सीटें मिल सकती हैं. बहुमत का आंकड़ा 326 है.