15 दिनों के लिए खुलते हैं 'नरक के द्वार', कंबोडिया में लोग आत्माओं को खिलाते हैं खाना

भारत में आज से पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है. हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व है.

पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण और श्राद्ध किया जाता है. पूर्वजों का आशीर्वाद पाने के लिए गरीबों, जानवर और पक्षियों को भोजन भी कराया जाता है.

भारत के अलावा कंबोडिया में भी इसी तरह का एक पर्व मनाया जाता है.

कंबोडिया में पचम बेन फेस्टिवल मनाया जाता है. जिसमें लोग कई तरह के व्यंजन, सजावटी सामान, पीने की चीजें भूतों के लिए रखते हैं.

ऐसी मान्यता है कि प्रत्येक वर्ष 15 दिनों के लिए 'नरक का द्वार' खुलता है, जिसमें से भूत-प्रेत बाहर आते हैं.

इन आत्माओं को खुश करने के लिए लोग तरह-तरह की खाने-पीने की चीजें इन्हें ऑफर करते हैं.

कंबोडिया के नोम पोन में सितंबर से अक्‍टूबर के बीच के 15 दिनों में ये पर्व मनाया जाता है. इस पर्व में साल भर से भूखी आत्माओं को खाना खिलाया जाता है.

लोगों का मानना है कि उन आत्माओं को खाना खिलाने से उनकी भूख शांत होती है और वो फिर वापस चले जाते हैं.

लोग अपनी उन पूर्वजों के लिए तरह तरह की चीजें बनाते हैं, जो भूत बन चुके हैं. अगर वो लोग संतुष्‍ट हो जाते हैं, तो उनका परिवार खुशहाल जीवन जीता है.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)