जानिए कैसे चुना जाएगा ईरानी का अगला उत्तराधिकारी, शुक्रवार को डाले जाएंगे

कल ईरान के लोग शुक्रवार 28 जून को राष्ट्रपति चुनने के लिए वोट डालेंगे. इस तरह इब्राहिम रईसी के उत्तराधिकारी का चयन किया जाएगा. 

बता दें कि रईसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में बीते दिनों मौत हो गई थी. इसके बाद चुनाव में सिक्योरिटी हार्डलाइनर्स के दबदबा की उम्मीद है. 

दरअसल, राष्ट्रपति सरकार चलाते हैं, लेकिन ईरान के परमाणु कार्यक्रम और उसकी विदेश नीति जैसे मुद्दों की वास्तविक शक्ति सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के हाथों में है. 

एक्सपर्ट्स का मानें, तो खामेनेई एक ऐसे निष्ठावान राष्ट्रपति की तलाश में हैं, जिसपर वह भरोसा कर सकें. आइए बताते हैं मतदान प्रक्रिया क्या है?

ईरान के कट्टरपंथी संवैधानिक निगरानी संस्था गार्जियन काउंसिल ने राष्ट्रपति पद के लिए पंजीकृत 80 उम्मीदवारों में से 5 कट्टरपंथी और 1 उदारवादी के चुनाव लड़ने की उम्मीद दी है.

एक काउंसिल, उम्मीद्वार की राजनीतिक और इस्लामी योग्यताओं की जांचती है. ये सर्वोच्च नेता नियुक्त मौलवियों और न्यायपालिका प्रमुख की तरफ से नामित संसद द्वारा अनुमोदित इस्लामी न्यायविदों का 12 सदस्यीय पैनल है.

राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार मूल रुप से ईरानी होना चाहिए. उसे प्रतिष्ठित राजनीतिक या धार्मिक व्यक्ति माना जाना चाहिए. आवेदक का इस्लामी गणराज्य के प्रति धर्मनिष्ठता और निष्ठा का बेदाग रिकॉर्ड होना चाहिए.

गार्जियन काउंसिल राष्ट्रपति पद पर महिलाओं को बटौर उम्मीदवार खड़े होने से रोकती है. मामले में शीर्ष मौलवियों और मानवाधिकार वकीलों का तर्क है कि संविधान महिलाओं को चुनाव से बाहर नहीं रखता है.

18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी ईरानी मतदान कर सकते हैं. इसका अर्थ है कि ईरान के 85 मिलियन से अधिक लोगों में से 61 मिलियन से अधिक लोग मतदान करने के पात्र हैं.

सभी वोटों की मैन्युअल रूप से गणना की जाएगी. इसलिए अंतिम परिणाम दो दिनों तक घोषित नहीं किया जा सकता है, हालांकि आंशिक परिणाम जल्दी दिखाई दे सकते हैं.

कोई उम्मीदवार रिक्त मतों सहित डाले गए सभी मतों में से कम से कम 50 प्रतिशत से अधिक एक वोट नहीं जीतता है.

चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद पहले शुक्रवार को शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच एक रन-ऑफ राउंड आयोजित किया जाता है.