Israeli के अधिकारी का दावा, Hamas के कब्जे में इजरायली hostages का बचना मुश्किल

गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए कुछ लोगों की हालत गंभीर है और वे लंबे समय तक कैद में नहीं रह पाएंगे.

द यूरेशियन टाइम्स ब्राजील के सैन्य प्रमुख जनरल टॉमस मिगुएल माइन रिबेरो पाइवा ने आकाश एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम हासिल करने के लिए भारत के साथ 'सरकार-से-सरकार' समझौते का सुझाव दिया.

हमास द्वारा अभी भी बंधक बनाए हुए 111 लोगों में से 39 की आईडीएफ द्वारा मृत्यु की पुष्टि की जा चुकी है.

बंधकों की रिहाई के बदले युद्ध विराम स्वीकार करने का दबाव इजरायली सरकार पर बढ़ रहा है.  

अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त करते बताया, 'हम जानते हैं कि कुछ बंधकों को जिन परिस्थितियों में रखा गया है, उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को देखते हुए वे अधिक समय तक जीवित नहीं रह पाएंगे.'

दावा किया कि ये महज अनुमान नहीं है, बल्कि इजरायली सरकार के पास इस मामले में जानकारी है. मतलब बंधकों की हालत गंभीर है.

सुरक्षा अधिकारी ने बताया, 'ये सोचना गलत है कि उन्हें अपेक्षाकृत अच्छी परिस्थितियों में रखा गया है, जैसे नोआ अरगामनी और ऑपरेशन में रिहा किए गए बंधकों को.' 

वह जून में हुए एक रेस्क्यू मिशन का जिक्र कर रहे थे जिसमें आठ महीने की कैद के बाद चार बंधकों को काफी अच्छी स्थिति में रिहा कराया गया था.

यह अनाम टिप्पणी अमेरिका, मिस्र और कतर के एक संयुक्त बयान जारी करने के एक दिन बाद आई है, जिसमें समझौते को बिना देरी अंतिम रूप देने की अपील की गई है. बता दें ये तीनों मुल्क बंधक-युद्धविराम वार्ता में मध्यस्थ हैं. 

कतरी सरकारी मीडिया द्वारा प्रकाशित बयान में कहा गया, 'यह समय गाजा के लंबे समय से पीड़ित लोगों और साथ ही लंबे समय से पीड़ित बंधकों और उनके परिवारों को तत्काल राहत पहुंचाने का है. 

युद्ध विराम और बंधकों और बंदियों की रिहाई के समझौते को अंतिम रूप देने का समय आ गया है.'

7 अक्टूबर के हमले में हमास ने 251 लोगों को बंधक बना लिया था. इनमें एक प्रिजनर एक्सचेंज डील के तहत 105 को लौटा दिया गया. जबकि चार को हमास द्वारा एकतरफा रिहा किया गया और सात को इजरायल रक्षा बलों ने आजाद कराया.