क्या साउथ कोरिया ने भिजवाए 150 गुब्बारे, जानिए क्या भरा था उसमें?
दक्षिण कोरिया ने बुधवार को उत्तर कोरिया पर आरोप लगाया कि उसने दोनों देशों के बीच की कड़ी सुरक्षा वाली सीमा पर बड़ी संख्या में गुब्बारे भेजे हैं.
इसमें कचरा और मलमूत्र जैसी वस्तुएं गिराई गई हैं. उसने इस हरकत को आधारहीन और खतरनाक बताया.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक मिलिट्री एक्स्पलोसिव ऑर्डिनेंस, केमिकल और बायोलॉजिकल वारफेयर रेसपॉन्स टीम को गिराई गई चीजों का निरीक्षण करने और उन्हें इकट्ठा करने के निर्देश दिए गए.
निवासियों को चेतावनी दी गई कि वे गुब्बारों और उनके द्वारा फेंकी गई चीजों से दूर रहें और किसी भी तरह की वस्तु के दिखने पर अधिकारियों को जानकारी दें.
स्थानीय मीडिया ने सैन्य सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि बुधवार तक 150 से ज़्यादा गुब्बारे देखे जा चुके थे, जिनमें से कुछ ज़मीन पर गिरे थे जबकि कुछ हवा में थे.
उत्तर कोरियाई दलबदलुओं के नेतृत्व में अक्सर दक्षिण कोरियाई एक्टिविस्ट सीमा पार गुब्बारे भेजते रहे हैं. इन गुब्बारों पर प्योंगयांग की आलोचना करने वाले मैसेज लिखे हुए पर्चे चिपके होते हैं.
इन गुब्बारों के भेजे जाने से दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ रहा था, जिसमें ऐसी घटनाएं भी शामिल थीं जब उत्तर कोरिया ने कथित तौर पर उन्हें मार गिराने की कोशिश की थी.
बुधवार को दक्षिण कोरियाई सेना ने कुछ तस्वीरें जारी कीं जिनमें गुब्बारें और उनसे बंधे प्लास्टिक के बैग दिख रहे थे.
अन्य तस्वीरों में जमीन पर गिरे गुब्बारों के चारों ओर कचरा बिखरा हुआ दिखाई दे रहा था, जिसमें से एक तस्वीर में एक बैग पर 'मल' शब्द लिखा हुआ था.
उत्तर कोरिया के उप रक्षा मंत्री ने रविवार को एक बयान जारी कर 'आत्मरक्षा के लिए मजबूत शक्ति' का इस्तेमाल करने की शपथ ली.
उन्होंने चेतावनी दी कि उत्तर कोरिया की ओर 'गंदी चीजें' उड़ाने के जवाब में दक्षिण कोरिया को 'कचरे के ढेर और गंदगी' भेजी जाएगी.
आपको बता दें कि उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरियाई एक्टिविस्ट के गुब्बारों पर नाराज़गी जताई है.
इन गुब्बारों में दक्षिण में लोकतांत्रिक समाज के बारे में जानकारी और यहां तक कि के-पॉप संगीत वीडियो के साथ यूएसबी मेमोरी स्टिक की भी जानकारी होती है.
2021 में शुरू किए गए गुब्बारों के प्रक्षेपण पर बैन लगाया गया लेकिन बाद में एक शीर्ष अदालत ने असंवैधानिक इसे करार दिया. कोर्ट ने कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है.
सीमा के दोनों तरफ दोनों देशों की ताकतवर सेनाएं खड़ी हैं. उत्तर कोरिया नियमित रूप से अपने पड़ोसी को नष्ट करने की धमकी देता रहता है.
सेजोंग इंस्टीट्यूट के एक रिसर्च फेलो पीटर वार्ड ने कहा कि गुब्बारे भेजना प्रत्यक्ष सैन्य कार्रवाई करने से कहीं कम जोखिम भरा है.
उन्होंने कहा, "इस तरह की ग्रे ज़ोन रणनीति का मुकाबला करना अधिक कठिन है और इसमें अनियंत्रित सैन्य वृद्धि का जोखिम कम है, भले ही वे उन नागरिकों के लिए भयानक हों जिन्हें अंततः निशाना बनाया जाता है."