क्या आपको पता है Exit Poll का इतिहास, भारत में कब हुआ पहला एग्जिट पोल

देश में आज लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण की वोटिंग हो रही है. शाम को वोटिंग खत्म होने पर सभी चैनल और सर्वे एजेंसियां एग्जिट पोल जारी करेंगी. 

ये पोल मतदान खत्म होने के आधे घंटे बाद जारी होंगे. इनके जरिये चैनल और सर्वे एजेंसियां बताएंगी कि चुनाव में किसे जीत मिल सकती है. क्या आप जानते है दुनिया का सबसे पहला एग्जिट पोल कहां हुआ था?

दरअसल, भारत से पहले कई देशों में एग्जिट पोल हो चुका था. इस पोल की शुरुआत सबसे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी.

साल 1936 के राष्ट्रपति चुनाव में न्यूयॉर्क शहर में जॉर्ज गैलप और क्लॉड रोबिंसन ने लोगों से सवाल किया था. उन्होंने पूछा था कि राष्ट्रपति के चुनाव किसे वोट किया.

अगर भारत की बात करें, तो भारत में पहला एग्जिट पोल अनौपचारिक हुआ. इसे इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन द्वारा कराया गया था.

ये सर्वे साल 1957 में आजादी के बाद दूसरे चुनाव में हुआ. हालांकि, तब इसे एग्जिट पोल नहीं माना गया था. 

साल 1996 में सबसे पहला औपचारिक एग्जिट पोल हुआ. इसे सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज ने किया था. 

तब पत्रकार नलिनी सिंह ने दूरदर्शन के लिए ये पोल कराया था. इसमें बताया गया कि भारत में खंडित जनादेश आएगा. साथ ही भाजपा सबसे बड़ा दल बनेगा.

खास बात ये है कि ये एग्जिट पोल सही साबित हुआ. भाजपा सबसे बड़ा दल तो बन गई, लेकिन अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई. 

इसके बाद साल 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में एक निजी न्यूज चैनल ने पहली बार एग्जिट पोल ब्रॉडकास्ट किया. 

दरअसल, वोटिंग के दिन वोटर पोलिंग बूथ से बाहर निकलते हैं, तो उनसे सर्वे एजेंसी बात करते हैं. इसके आधार पर विश्लेषण किया जाता है.

इसके बाद अनुमान लगाया जाता है कि चुनाव में किसकी जीत होगी. हालांकि, ये जरूरी नहीं एग्जिट पोल सही साबित हों. कई एग्जिट पोल गलत भी होते हैं.