मकर संक्रांति पर क्यों उड़ाते हैं पतंग, जानें धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करते ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. इस पर्व को देश में अलग-अलग नामों से जाना जाता है.

मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान करने की विशेष महत्व है. इसके साथ ही इस दिन घरों में खिचड़ी, दही बड़े, तिल के लड्डू, मुरमुरे के लड्डू बनाए जाते हैं.

इस दिन पतंग उड़ाने की भी  परंपरा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर मकर संक्रांति के ही दिन पतंग क्यों उड़ाई जाती है? जानिए पतंग उड़ाने के पीछे की परंपरा.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्री राम ने शुरू की थी. तमिल की तन्नाना रामायण के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन भगवान श्री राम से पतंग उड़ाई थी.

जो इंद्रलोक तक पहुंच गई थी. इसी कारण इस दिन पतंग उड़ाई जाती है.

मकर संक्रांति की तरह स्वतंत्रता दिवस के दिन भी पतंग उड़ाने की परंपरा है. पतंग को खुशी, आजादी और शुभता का संकेत माना जाता है.

वैज्ञानिक दृष्टि से बात करें, तो मकर संक्रांति के दिन सूर्य की किरण शरीर के लिए अमृत समान है, जो विभिन्न रोगों को दूर करने में सहायक होती है.

इसलिए इस दिन पतंग उड़ाने से आप सूर्य की किरणों को अधिक मात्रा में ग्रहण करते हैं, जिससे शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी होती है. इसके साथ ही विभिन्न तरह के रोगों से बचाव होता है.