माइक्रोसॉफ्ट का ये टूल बना यूजर्स के लिए मुसिबत, जानिए कैसे?

हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट विंडोज 11 के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने नया AI फीचर लाया था. इसे रिकॉल नाम दिया गया था. इससे कंप्यूटर की एक्टिविटीज का स्क्रीनशॉट लिया जाता है. 

इन स्क्रीनशॉट्स के जरिए आप अपनी फाइलों, वेबसाइट्स या ऐप्स को खोज सकते हैं. जिनको आप पहले खोल चुके थे. जैसे- आपने जो फाइल खोली थी. कौन सी वेबसाइट ओपन किया था.

माइक्रोसॉफ्ट की मानें, तो रिकॉल फीचर को यूजर्स की सुरक्षा और प्राइवेसी को ध्यान में रखकर बनाया गया है.  हाल ही में सामने आई जानकारी ये बताती है कि रिकॉल में एक बड़ी सुरक्षा चूक हो सकती है.

दरअसल, रीकॉल फीचर आपके डिवाइस पर ही काम करता है और जानकारी स्टोर करने के लिए किसी भी तरह के क्लाउड का इस्तेमाल नहीं करता है. 

ये AI टूल आपकी फाइल्स, वेबसाइट हिस्ट्री आदि को ढूंढने में मदद करता है. लेकिन चिंता की बात ये है कि ये सारा डेटा आपके डिवाइस पर सादे टेक्स्ट में स्टोर होती है.

इन्हें किसी तरह की एन्क्रिप्शन से सुरक्षित नहीं रखा जाता है. कोई भी हैकर आसानी से इस जानकारी को चुरा सकता है. ये जानकारी सिक्योरिटी रिसर्चर केविन ब्यूमोंट ने बताई है. 

उनका कहना है कि जब आप अपने माइक्रोसॉफ्ट अकाउंट से लॉग इन करते हैं, तो रिकॉल द्वारा स्टोर की गई जानकारी पढ़ी जा सकती है.

माइक्रोसॉफ्ट का मानना है कि रिकॉल फीचर कंप्यूटर पर सर्च करने के तरीके को बेहतर बना सकता है, लेकिन इसकी सुरक्षा कमजोर होने से फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है.

ब्यूमोंट ने ये भी बताया कि अगर आपका कंप्यूटर चोरी हो जाता है या गलती से किसी और के हाथ लग जाता है, तो हैकर्स के लिए इस डेटा को चुराना काफी आसान हो जाएगा.