मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बच्चे भी सख्त दायरे में शामिल, जानिए बीजिंग के खतरनाक इरादे

चीन के झिंजियांग प्रांत की रिपोर्ट्स कई साल से सामने आती रही हैं. इसमें मस्जिदों को ध्वस्त करने के साथ ही धार्मिक प्रतीकों को हटाने और इस्लाम के अभ्यास पर प्रतिबंध लगाने की बातें सामने आईं. 

आपको बता दें कि झिंजियांग लगभग 12 मिलियन उइगरों का घर है. ये मुख्य रूप से इस्लाम का पालन करने वाला एक तुर्क जातीय समूह है.

दरअसल, ये इलाका तनाव और संघर्ष का इतिहास है. यहां अलगाववादी और चरमपंथी आंदोलन हुए. इस कारण हिंसा भी होती रही है.

यहां साल 2000- 2010 में हिंसक घटना की एक श्रंखला देखने को मिली. इसके लिए चीनी सरकार ने उइगर अलगाववादियों को जिम्मेदार ठहराया और इस क्षेत्र में सख्ती बढ़ा दिया.

रिपोर्ट के अनुसार झिंजियांग में विकसित बीजिंग की दमनकारी तकनीकों का इस्तेमाल चीन में नए टारगेट्स के खिलाफ किया जा रहा है.

पाक माह रमजान में चीन के युक्सी में मुसलमानों को जातीय और धार्मिक मामलों के ब्यूरो से एक खतरनाक वीचैट मैसेज प्राप्त हुआ.

फॉरेन पॉलिसी रिपोर्ट में उपवास करने वाले स्कूली बच्चों की निगरानी करने की बात सामने आई. स्थानी य अधिकारियों को उपवास और अन्य धार्मिक गतिविधियों में नाबालिगों की भागीदारी की जांच करने का निर्देश दिया गया.

नोटिस में कहा गया, 'पार्टी कमेटी, सरकारें, शिक्षा और सभी स्तरों के खेल ब्यूरो को उपवास और अन्य धार्मिक गतिविधियों में नाबालिगों की भागीदारी की जांच करनी चाहिए.'

इसमें शिक्षा और धर्म के बीच अलगाव के पालन पर जोर दिया गया. शिक्षकों, छात्रों और अधिकांश युवाओं की शिक्षा और मार्गदर्शन को मजबूत करने को कहा गया.

युक्सी में एक महत्वपूर्ण मुस्लिम अल्पसंख्यक हुई समुदाय रहता है, जो चीन के सिनिफिकेशन अभियान की बढ़ती जांच का सामना कर रहा है. इसमें धार्मिक प्रथाओं पर प्रतिबंध और निगरानी बढ़ाना शामिल है.

2018 में, शी ने शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की, जहां उन्होंने शिक्षकों से राष्ट्रीय युवाओं के बीच पार्टी के साथ पहचान को प्राथमिकता देने की अपील की थी.

चीनी राष्ट्रपति ने कहा था, 'यदि पहला बटन गलत तरीके से दबाया जाता है, तो बाकी सभी बटन गलत तरीके से दबाए जाएंगे. जीवन को शुरू से ही सही तरीके से बटन किया जाना चाहिए.'

चीन की आत्मसात नीति जातीय अल्पसंख्यकों को हान चीनी संस्कृति में एकीकृत करने का प्रयास करती है. इसमें हलाल चिह्नों को हटाना, मस्जिद की वास्तुकला में बदलाव करना और अब, हुई युवाओं के बीच धार्मिक प्रथाओं की निगरानी करना शामिल है. 

अभियान का उद्देश्य अल्पसंख्यकों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक भेदों को कम करके एक एकीकृत राष्ट्रीय पहचान बनाना है.

युक्सी का नोटिस अल्पसंख्यक बच्चों को उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत से अलग करने के व्यापक प्रयासों को दर्शाता है.

इसी तरह के उपाय उइगर, तिब्बती और इनर मंगोलियन बच्चों के लिए अपनाए जाते हैं. इनका का उद्देश्य कम उम्र से ही कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादारी पैदा करना है.

जैसे-जैसे झिंजियांग से निगरानी तकनीकें दूसरे क्षेत्रों में फैलती जा रही हैं. हुई की धार्मिक आजादी कम होती जा रही हैं. बढ़ी हुई निगरानी और प्रतिबंध पूरे चीन में मुस्लिम प्रथाओं पर बढ़ती कार्रवाई का संकेत देते हैं.

यह दृष्टिकोण उइगरों के साथ किए जाने वाले व्यवहार को दर्शाता है. इससे चीन में सभी मुस्लिम अल्पसंख्यकों की धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता के भविष्य को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं.