नेपाल में गहराया सत्ता का संकट,  क्या गिर जाएगी प्रचंड सरकार

नेपाल में नेपाली कांग्रेस और CPN-UML एक बड़ा दांव चला है. पीएम पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' को सत्ता से बाहर करने के लिए 2 दलों ने नई 'राष्ट्रीय सरकार' बनाने के लिए आधी रात को एक समझौता किया.

नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी के अध्यक्ष व पूर्व पीएम के पी शर्मा ओली ने नई गठबंधन सरकार बनाने के लिए सोमवार मध्यरात्रि को समझौते पर हस्ताक्षर किए.

पूर्व विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सौद ने बताया कि देउबा और ओली संसद के शेष कार्यकाल में बारी-बारी से प्रधानमंत्री पद साझा करने पर सहमत हुए हैं. बता दें कि सौद नेपाली कांग्रेस के केंद्रीय सदस्य भी हैं.

नेपाल के प्रतिनिधि सदन में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के पास 89 सीट जबकि CPN-UML के पास 78 सीट हैं. दोनों दलों की संयुक्त संख्या 167 है जो 275 सदस्यीय सदन में बहुमत के 138 सीट के आंकड़े के लिए काफी है.

देउबा और ओली ने दोनों दलों के बीच संभावित नए राजनीतिक गठबंधन की जमीन तैयार करने के लिए शनिवार को भी मुलाकात की थी.

इसके बाद ओली की CPN-UML ने प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से रिश्ता खत्म कर लिया. उसने महज चार महीने पहले ही इस सरकार को अपना समर्थन दिया था.

इस समझौते को मंगलवार को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है. समझौते के तहत ओली डेढ़ साल तक नई, 'राष्ट्रीय सर्वसम्मति वाली सरकार' का नेतृत्व करेंगे. बाकी के कार्यकाल के लिए देउबा प्रधानमंत्री रहेंगे.

खबर के अनुसार दोनों दलों के कई नेताओं के हवाले से बताया है. इसके तहत दोनों नेता नई सरकार बनाने, संविधान संशोधन और सत्ता के बंटवारे का फॉर्मूला बनाने के लिए सहमत हुए. उन्होंने ये बात विश्वासपात्रों से साझा की है.

दरअसल, नेपाल में बीते 16 साल में 13 सरकार बनी है, जो राजनीतिक प्रणाली की कमजोरी दिखाती है. CPN-UML के करीबी सूत्रों ने बताया कि प्रचंड नीत मंत्रिमंडल में पार्टी के मंत्री दोपहर को सामूहिक रूप से इस्तीफा दे सकते हैं.

CPN-UML के सचिव शंकर पोखरेल ने मीडियाकर्मियों को बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री ओली के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय सरकार बनाने के लिए नेपाली कांग्रेस के साथ एक समझौता किया गया है.

ओली और प्रधानमंत्री प्रचंड के बीच मतभेद तेजी से बढ़े हैं और ओली वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार द्वारा हाल में किए गए बजट आवंटन से भी नाखुश हैं जिसके बारे में उन्होंने सार्वजनिक रूप से बोला था.