अंधा क्यों कहा जाता है भारत का कानून? न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी लगाने की ये थी वजह

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में न्याय की देवी की एक नई मूर्ति लगाई गई है, जिसमें कुछ बदलाव किए गए हैं.

पहले न्याय देवी की आंखों पर पट्टी लगी थी, जिसे अब हटा दिया गया है.

वहीं, उनके हाथों में पहले तलवार थी, लेकिन अब संविधान की किताब है. ये बदलान भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने किए हैं.

न्याय की देवी की मूर्ति में ये बदलाव किए जाने का मकसद ये है कि भारत का कानून अंधा नहीं है.

लेकिन लोगों के मन में ये सवाल है कि आखिर भारत के कानून को अंधा क्यों कहा जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह...

पहले न्याय के देवी की आंखों पर पट्टी लगी थी, जिसका मतलब ये था कि हर किसी के लिए कानून एक है.

वहीं, उनके हाथों में तलवार इस बात का संदेश देती थी कि कानून काफी ताकतवर है, जो गलत करने वाले को सजा जरूर देगा.

न्याय की देवी के आंखों पर पट्टी लगे होने की वजह से लोग ये समझते थे कि कानून अंधा है.

लेकिन इस पट्टी का ये मतलब था कि कानून किसी को बिना देखे न्याय करता है. यानी न्याय की देवी बिना किसी भेदभाव के निष्पक्ष होकर न्याय करती हैं.