Pitru Paksha 2023: गया में पितरों को बैठाने के बाद पितृपक्ष में जल देना चाहिए या नहीं, आचार्य से जानें 

Pitru Paksha Puja Rules: पितृपक्ष चल रहा है. इस समय हमारे पूर्वज पृथ्वी पर विचरण करते हैं. सभी पूर्वज अपने-अपने कुल यानी वंशज से अन्न जल की आशा करते हैं. 

उनकी आशा को पूरा करना हम सभी का कर्तव्य होता है. ऐसा कुछ लोग करते हैं कुछ नहीं करते. ये अपनी-अपनी आस्था और संस्कार का विषय है.

पितृपक्ष में लोग अपने पूर्वजों के नाम पर जल देते हैं. इसके बाद उनके मृत्यु की तिथि के दिन श्राद्ध करते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों के आत्मा को शांति मिलती है. इससे वह प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. 

पितृपक्ष में लोग अपने पितरों की मुक्ति के लिए बिहार के गया में पिंडदान कर स्थान देते हैं. इसके बाद कुछ लोगों के मन में ये सवाल आता है कि गया में पितरों को बैठाने के बाद पितृपक्ष में उनका श्राद्ध और तर्पण करना चाहिए या नहीं? आइए जानते हैं काशी के आचार्य से

काशी के आचार्य की मानें, तो जो पितर भटकते रहते हैं उनको जल और अन्न देना आपकी जिम्मेदारी है. कोई दूसरा आपके पितरों को नहीं देगा.

जैसे आप घर आए मेहमान को सोफा देते हैं, बैठने को पर उनको अन्न जल पूछते हैं तो आप सभी से निवेदन है कि अपने पितरों को जल देकर तृप्त करें. कुछ लोग कहते हैं की हम अपने पितरों को गया जी बैठा दिए हैं, इसलिए जल नहीं देते, तो ये सर्वथा गलत है.

ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप पितृपक्ष में पितरों का तर्पण नहीं करते, तो उनकी आत्मा भटकती है. इससे आपको पितृदोष लगता है और कई तरह के संकट आ सकते हैं.

कुछ लोग मानते हैं कि पितृपक्ष में सूतक लग जाता है. इसके चलते वह पूजा पाठ बंद कर देते हैं, यहां तक कि कुछ महिलाएं सिंदूर तक लगाना छोड़ देती हैं. उनको ये नहीं पता की सिंदूर लगाना कब छूटता है ये सर्वथा गलत है?

काशी के आचार्य की मानें, तो जो आप पूजा पाठ करते हैं वो होगा, केवल किसी कामना के लिए विशेष अनुष्ठान या पूजा नहीं होगा. 

पितृपक्ष में पितरों का समय होता है न की सूतक का. जैसे नवरात्रि देवी जी का, सावन शिव जी का, इसलिए भ्रम छोड़कर आप दैनिक पूजा पाठ करें.

महिलाएं भी अपने घर में सोलह श्रृंगार करके रहें. पितृपक्ष के दौरान घर में सिर्फ विवाह, जनेव, मुंडन जैसे शुभ कार्यों के करने की मनाही होती है. 

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.