दोपहर बाद पूजा करना चाहिए या नहीं? जानिए विधान
आज के भागदौड़ वाली जिंदगी में व्यस्त होने की वजह से लोग देर से पूजा- पाठ करते हैं.
लेकिन क्या आपको पता है कि देर यानी दोपहर बाद पूजा-पाठ करना शुभ होता है या अशुभ.
दरअसल, पूजा पाठ करने का एक निश्चित समय होता है, जिस समय में ही आपको पूजा करनी चाहिए.
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, शास्त्रों में दोपहर बाद पूजा करना निषेध माना गया है. जानिए विधान...
दोपहर के बाद पूजा प्रारंभ नहीं करना चाहिए. यदि कोई प्रातः काल से पूजा पाठ पर बैठा हुआ है और पूजा करते-करते दोपहर हो जाए तो कोई आपत्ति नहीं है.
लेकिन दोपहर 12:00 के बाद पूजा प्रारंभ नहीं करना चाहिए. यह पूरी तरह से गलत और वर्जित माना गया है.
दोपहर बाद पूजा करने पर शुभ फल नहीं मिलता है.
ऐसा कहा जाता है कि महादेव को 12:00 बजे के बाद यानी दोपहर के बाद जल अर्पण करते हैं तो वह गर्म जल के समान होता है.
बहुत लोग ऐसे होते हैं कि दिन में भी सत्यनारायण भगवान की पूजा कर लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए.
प्रातः कालीन पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती हैं. जिससे उन्हें धर्म, कर्म ,धन और मोक्ष चारों फल की प्राप्ति होती हैं.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)