Russia China Defence Deal: भारत का दोस्त दुश्मन के साथ! क्या होगा 'नो लिमिट पार्टनरशिप' का अंजाम?

Russia China News: कीव पर कब्जे की जंग में अमेरिका ने यूक्रेन का साथ दिया. उसे ये रसद और हथियार न मिलते, तो पुतिन के कहर से कीव को कोई नहीं बचा सकता था.  

हालांकि, यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूसी झंडा फहराकर का पुतिन का अरमान पूरा नहीं हुआ. इसलिए उन्होंने अमेरिका को सबक सिखाने का मन बनाया है.

अमेरिका को घेरने के लिए रूस की मदद के लिए चाइना सामने आया. एक माह पहले मास्को से बार्टर व्यापारिक समझौता करने के बाद अब डिफेंस सेक्टर में साथ जीने मरने की कसम खाई है.

दरअसल, पुतिन और शी जिनपिंग सही मौके की तलाश में हैं. रक्षा क्षेत्र में एक दूसरे का सहयोग करने के लिए साथ जीने मरने की कसम खा चुके रूस-चीन ने रक्षा क्षेत्र में 'नो लिमिट पार्टनरशिप' नाम से समझौता किया है.

अमेरिका को घेरने के नाम पर रूस और चीन का डिफेंस सेक्टर में साथ आना भारत के लिए नई चुनौती बन सकता है. इस डील का कितना असर भारत और रूस के संबंध पर होगा ये आने वाले दिनों में नजर आएगा.  

अमेरिकी खतरों का मुकाबला करने के लिए, खासकर जापान में संभावित अमेरिकी मिसाइल तैनाती के जवाब में रूस ने चीन के साथ रक्षा सहयोग के नाम पर नई डील की है. 

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने एग्रीमेंट की जानकारी देते हुए कहा, हमारी रणनीतिक साझेदारी, रक्षात्मक है न कि आक्रामक. डील का मकसद अमेरिका से महत्वपूर्ण मिसाइल खतरों से बचाव की तैयारी करना है.

रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन पर पश्चिम के नए सिरे से दबाव बनाने और उन खबरों के बीच कि वाशिंगटन जापान में मिसाइलें तैनात कर सकता है, ऐसे सवालों के जवाब में मॉस्को ने कहा है कि वो अमेरिका द्वारा पैदा किए गए खतरों का मुकाबला करने के लिए चीन के साथ डील कर चुका है.

मारिया ज़खारोवा ने कहा, 'मैं आपको याद दिलाना चाहूंगी कि मॉस्को और बीजिंग अमेरिका द्वारा 'दोहरे नियंत्रण' का जवाब 'दोहरी जवाबी कार्रवाई' से देंगे.'

ज़खारोवा उस रिपोर्ट का जवाब दे रही थीं जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिका ने संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए जापान में मिसाइलें तैनात करने की इच्छा जताई थी. ज़खारोवा ने कहा, 'ये बहुत स्पष्ट है कि रूस-चीन दोनों जरूरत पड़ने पर दुश्मनों को माकूल जवाब देंगे.'