संकष्टी चतुर्थी पर बन रहे शुभ योग, इनकम बढ़ने के साथ ही चमकेगी किस्मत
चतुर्थी तिथि गणपति बप्पा को समर्पित है. ज्येष्ठ मास की संकष्टी चतुर्थी के दिन बेहद शुभ संयोग बन रहे हैं.
दरअसल, सभी संकट से बचने के लिए और भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है.
पौराणिक मान्यताओं की मानें, तो संकष्टी चतुर्थी पर विधि-विधान से व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
इस दिन शाम को चंद्र दर्शन करने का खास महत्व है. इस बार 26 मई को संकष्टी चतुर्थी है. चंद्र दर्शन रात 10: 42 पर होगा.
पंचांग के अनुसार 26 मई की शाम 6.06 बजे चतुर्थी तिथि शुरु होगी, जो अगले दिन 27 मई की शाम 4.53 बजे तक रहेगी.
इस संकष्टी पर 2 शुभ मुहूर्त हैं. पहला शुभ मुहूर्त 26 मई सुबह 7:08 मिनट से दोपहर 12:18 तक रहेगा. दूसरा शुभ मुहूर्त शाम 7:12 मिनट 9:45 मिनट तक रहेगा.
दरअसल, संकष्टी चतुर्थी की पूजा तभी पूरी होती है, जब रात में चंद्र देव को अर्घ्य दिया जाए. इसके बाद व्रत का पारण होता है.
ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी कि संकष्टी चतुर्थी के दिन शुभ साध्य योग, भद्र योग और शिव वास योग जैसे बेहद शुभ योग हैं.
इन योगों में भगवान गणेश की पूजा करना कई गुना ज्यादा फल देगा. साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होंगी.
संकष्टी चतुर्थी 5 राशि वालों के लिए बेहद शुभ हैं. ये शुभ योग मेष, वृषभ, मिथुन, कन्या और वृश्चिक राशि वालों को लाभ देंगे. उन पर भगवान गणेश की खास कृपा होगी.
इन जातकों को आर्थिक लाभ मिलेगा. कारोबार में वृद्धि होगी. जिम्मेदारियां बढ़ेंगी, जिसे आप संभालने में सफल रहेंगे. विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होंगी. आपको जीवनसाथी मिलेगा.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)