सोनी के मुताबिक, 'वहां का वातावरण कठोर है और तापमान में बड़े बदलावों को थर्मोइलेक्ट्रिक जेनेरेटर्स से न सिर्फ बिजली बनाने, बल्कि मंगल के वायुमंडल मे मौजूद CO2 को कन्वर्ट कर उपयोगी उत्पाद तैयार किए जा सकते है जो किसी इंसानी बस्ती को सप्लाई किए जा सकते हैं.'