Space News: ब्रह्मांड में मिले 3 'लाल राक्षस', जानिए कैसे आए नजर
वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड के पहले की अरबों साल की विशालकाय लाल आकाशगंगा नजर आईं हैं. इनमें कुछ मिल्की वे गैलेक्सी जितने बड़े हैं.
खास बात ये है कि इन 'लाल राक्षस' आकाशगंगाओं का पता जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से लगाया गया है.
जांच में पता चला कि शुरुआती ब्रह्मांड में तारों और आकाशगंगाओं का निर्माण जितना पहले सोचा गया था, उससे कहीं अधिक तेज हुआ.
दरअसल, 'लाल राक्षस' आकाशगंगा शुरुआती ब्रह्मांड में देखी गई बड़ी आकाशगंगाओं में से एक हैं, जो शुरुआती कुछ 100 मिलियन साल में बनी थी.
इस स्टडी के को-ऑथर मेलबर्न की स्विनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर आइवो लाब्बे हैं.
उन्होंने अपने पेपर में कहा, 'बिग बैंग के ठीक बाद 'असंभव' विशालकाय आकाशगंगाओं का सवाल जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की पहली तस्वीरों के बाद से ही खगोलविदों को परेशान करता रहा है.
यह 100 किलोग्राम के नवजात को ढूंढ़ने जैसा है. JWST ने अब यह साबित कर दिया है कि शुरुआती ब्रह्मांड में राक्षस घूमते हैं.'
ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने JWST के FRESCO सर्वे के डेटा का इस्तेमाल करते हुए 36 विशालकाय आकाशगंगाओं का एनालिसिस किया.
इसे 'लाल राक्षस' इसलिए कहा जाता है, क्योंकि धूल की अधिक मात्रा के चलते वे JWST की तस्वीरों में सुर्ख लाल नजर आते हैं.
ज्यादातर आकाशगंगा शुरुआती ब्रह्मांड के आकाशगंगा निर्माण के वर्तमान सिद्धांत का पालन करते मिलीं, लेकिन 3 आकाशगंगा बिलकुल अलग थी.
एस्ट्रोनॉमर्स ने शुरुआती ब्रह्मांड की 3 आकाशगंगा का पता लगाया, जिनमें तारा निर्माण की गति अन्य की तुलना में दोगुनी थी.