International News: मंगल ग्रह पर कहां से आईं 'मकड़ियां'? जानिए NASA का स्पाइडर कनेक्शन

यूरोपियन स्पेस एजेंसी ESA ने मंगल ग्रह का एक दिलचस्प फोटो शेयर किया. फोटो को देक ऐसा लगा मानो हजारों मकड़‍ियां मंगल ग्रह की जमीन पर एक ही जगह जमा हो गईं हों. 

आपको जानकर हैरानी होगी कि ये मकड़‍ियां नहीं थीं. ये तो मंगल की मकड़‍ियां नहीं, धूल से बनी आकृतियां निकलीं. जानकारी के अनुसार इसे एरेनिफॉर्म्स कहते हैं. ये मंगल ग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर वसंत के समय नजर आती हैं. 

हालांकि, ये पता नहीं चला कि ये कैसे बनता हैं. साथ ही हर साल कैसे बनती हैं. वही, इसे जानने के लिए  NASA के वैज्ञानिकों ने लैब में ही ऐसी आकृतियां बनाने में सफलता पाई है. इससे मंगल ग्रह के सतह की जानकारी मिल पाएगी.

NASA की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी में प्लैनेटरी साइंटिस्ट लॉरेन मैक केवन ने जानकारी दी. उन्होंने बताया, 'ये मकड़ियां विचित्र भूगर्भिक विशेषताएं हैं. ये प्रयोग हमारे मॉडलों को इस बात के लिए तैयार करने में मदद करेंगे कि वह कैसे बनते हैं.' 

दरअसल, मंगल ग्रह पर कार्बन डाइऑक्साइड बर्फ में जम जाती है. पृथ्‍वी पर ऐसा नहीं होता, लेकिन ऐसा आर्टिफिशियल तौर पर किया जा सकता है. इसे ड्राई आइस भी कहते हैं.

वैज्ञानिकों की मानें, तो जब मंगल पर ठंड होती है तो वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड जमीन पर जम जाती है. वसंत ऋतु में तापमान बढ़ जाता है और यह कार्बन डाइऑक्साइड बर्फ अपनी गैसीय अवस्था में वापस आ जाती है.

बर्फ के जमाव के नीचे, मंगल ग्रह की गहरी मिट्टी गर्मी को अवशोषित करना शुरू कर देती है. गैस ऊपर बर्फ के स्लैब के नीचे फंस जाती है. चूंकि अब गैस के पास जाने के लिए कोई जगह नहीं है, इसलिए दबाव बढ़ता है और एक छोटे विस्फोट में बर्फ टूट जाती है. 

कार्बन डाइऑक्साइड गैस बर्फ की इन दरारों से होकर निकल जाती है, साथ ही गहरे रंग की धूल भरी सामग्री भी. जब सारी बर्फ पिघल जाती है, तो पीछे सिर्फ एक गहरा, मकड़ी जैसा निशान रह जाता है.