International News: इस देश में क्यों टूट रही है सबसे ज्यादा शादियां, बच्चों को लेकर ये है कानून

आपको बता दें कि स्वीडन में शादी टूटने के मामले दुनिया में सबसे अधिक है. 

लिहाजा स्वीडन न केवल तलाक की दर में आगे है, बल्कि यह बच्चों की कस्‍टडी को माता-पिता के बीच बराबर बांटने के मामले में भी दुनिया में सबसे आगे है. 

यहां बच्‍चों की कस्‍टडी मां-बाप को 50:50 के अनुपात में मिलती है. जिन बच्चों के माता-पिता अलग-अलग रहते हैं, उनमें बच्चा माता पिता दोनों को घरों के समय बिताते हैं.

बस यहीं से कहानी में ट्विस्‍ट आ जाता है. स्‍टॉकहोम यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर हेलेन एरिक्‍सन की जर्नल 'सोशल फोर्सेज' में इस आशय में स्‍टडी प्रकाशित हुई है. 

इसमें दावा किया गया है कि बच्‍चों के रहने की व्‍यवस्‍था में इस उल्‍लेखनीय बदलाव के कारण अब मां-बाप दोनों को बराबर का टाइम बच्‍चों को देना पड़ रहा है क्‍योंकि जब बच्‍चा बाप के पास रहने के लिए जाता है.

उसकी पूरी देखभाल उसी तरह और लगभग उतने दिन करनी पड़ती है जितने दिन बच्‍चा मां के पास रहता है. इसका असर हुआ कि तलाक के बाद बच्‍चों की परवरिश का पूरा बोझ सिंगल मदर्स पर नहीं पड़ रहा. 

तलाक होने पर पिता भी बच्‍चे की परवरिश का समान जिम्‍मा उठाते है. मतलब पूर्व पति और पत्नि के बीच बच्चे की देखभाल का लैंगिक विभाजन काफी हद तक बदल दिया है.

स्‍टडी में पाया गया देखभाल के काम में अधिक आय वाले देश के महिला-पुरुष के बीच सबसे कठोर असमानता के बारे में जानने की कोशिश की. यह बच्चे की देखभाल के लिए वेतनभोगी काम से छुट्टी लेना था.

इसमें स्वीडन की पूरी आबादी शामिल करने वाले प्रशासनिक रजिस्टर डेटा का प्रयोग किया गया. इसमें तलाक पूर्व और बाद में हर बच्चे की मां और पिता की छुट्टी लेने की जानकारी शामिल हैं.

स्‍टडी के नतीजे बताते हैं कि स्वीडन में तलाक के कारण बच्चों के पिता के काम से छुट्टी लेने के दिनों में बढ़ोतरी हुई है. तलाक के कारण स्वीडन में दशकों से लैंगिक क्रांति धीमी पड़ रही है. 

यहां पारंपरिक रूप से माताएं ही सारी जिम्मेदारी उठाती हैं. तलाकशुदा परिवार में बच्‍चों के 50:50 के अनुपात में रहने की व्यवस्था सामान्य रूप से श्रम के अधिक लैंगिक-समान विभाजन का रास्ता दिखाती है.

मतलब पुरुष बच्चों की देखभाल खुद कर सकते हैं. यहां वह करते हैं. ऐसे में अगर स्वीडिश पुरुष ऐसा कर रहे हैं, तो अन्य पुरुष भी कर सकते हैं. 

स्वीडिश पुरुषों की जैविक बनावट अन्य पुरुषों से अलग नहीं है. इसलिए ऐसा लगता है कि सांस्कृतिक रूढ़िवादिता ही अंततः इसके लिए जिम्मेदार है.

स्वीडन का ये अनुभव बता सकता है कि दूसरे देश किस दिशा में जा रहे हैं. हालांकि स्वीडन कई मायनों में आगे है. 

परिवार के बदलावों, तलाक में वृद्धि और बच्चों की देखभाल में पिताओं की अधिक भागीदारी शामिल है. इसमें स्वीडन सबसे आगे है. बाद में ऐसा पूरे यूरोप और उत्तरी अमेरिका में देखा गया.

ये उन पुरुषों के लिए अच्छा है, जिन्हें वाइफ से अलगाव होने के बाद अपने बच्चों को खोने डर होता है. अब उन्हें ये दर्द नहीं झेलना पड़ता है.