शरीर पर धार्मिक टैटू बनवाने से पहले जान लें ये नियम, वरना...
भगवान के प्रति भक्तों की आस्था और श्रद्धा गहरी होती है. भक्त अपनी आस्था अलग-अलग तरीके से व्यक्त करते हैं. कुछ लोग हाथों में माला पहनते हैं, तो कुछ माथे पर तिलक लगाते हैं.
आजकल तो लोग अपने शरीर पर धार्मिक टैटू जैसे ऊं, त्रिशूल, डमरू बनवाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये आपके जीवन पर भारी पड़ सकता है.
अगर आप धार्मिक टैटू बनवाना चाहते हैं तो कुछ नियमों को जरूर जान लें. आइए आपके बताते हैं धार्मिक टैटू बनवाते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है...
धार्मिक टैटू जैसे त्रिशूल, ओम, डमरू, शिवलिंग, मंत्र शरीर पर बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसकी आकृति सही हो. गलत आकृति से जीवन में नकारात्मकता बढ़ती है.
धार्मिक टैटू बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि वो शरीर के गंदे अंग पर न हो. जैसे हथेली और पैर. इससे धार्मिक चिह्न की पवित्रता भंग हो जाती है.
शरीर पर सही तरीके और सही हिस्से पर धार्मिक टैटू बनवाने से लाभ भी मिलता है. इससे जीवन में सकारात्मकता का वास होता है. साथ ही कॉन्फिडेंस लेवल भी बढ़ता है.
धार्मिक टैटू बनवाने के लिए पीठ, गर्दन, हाथ, कमर और कान शुभ अंग माने जाते हैं.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और ज्योतिष गणनाओं पर आधारित है. The Printlines इसकी पुष्टि नहीं करता है.)