World Rabies Day: कुत्ते नहीं इन जानवर के कारण फैलता है Rabies, जानिए लक्षण और बचाव

प्रतिवर्ष रैबीज से देश में लगभग 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. भारत में रेबीज के कई मामले सामने आते हैं.

आपको बता दें कि हैरान कर देने वाली बात ये है कि देश में 15 साल से कम उम्र के बच्चे रैबीज की चपेट में ज्यादा आ रहे हैं. वहीं, इसको लेकर जागरूकता की कमी है. इसलिए 28 सितंबर को 'वर्ल्ड रेबीज डे' मनाया जाता है. 

रैबीज को लेकर ये धारण है कि ये केवल कुत्ते के काटने से होता है, लेकिन ऐसा नहीं है. ये बीमारी दूसरे जानवरों से भी होती है. आइए जानते हैं और किन जानवरों के काटने से ये फैलता है और लक्षण व बचाव क्या है.

बता दें, कुत्ते की लार में लासा नामक वायरस पाया जाता है, जिससे रेबीज की बीमारी फैलती है. जब कुत्ते किसी व्यक्ति को काटते हैं तो उसके बाद रेबीज़ व्यकित के शरीर में फ़ैल जाता है.

कुत्ते के काटने के 24 घंटों के अंदर अगर एंटी-रेबीज वैक्सीन नहीं लिया गया तो स्थिति गंभीर हो सकती है. ज्यादातर लोगों को लगता है कि सिर्फ कुत्ते के काटने से रेबीज की बीमारी फैलती है, लेकिन ऐसा नहीं है.

रैबीज का वायरस कुत्ता, बिल्ली, बंदर, चमगादड़ लोमड़ी, नेवला और सियार जैसे जानवरों में भी होता है. अगर इनमें से कोई भी जानवर आपको काट ले तो आपको तुरंत एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवानी चाहिए क्योंकि इलाज में लापरवाही बरतने से व्यक्ति की मौत हो सकती है.

रैबीज के कई लक्षण हैं. जैसे- बुखार आना, घबराहट होना, घबराहट होना, तेज सिरदर्द होना, नींद ना आना आदि है.

रैबीज से बचने के लिए जानवर ने जहां काटा है, उसको साबुन से कुछ मिनट धोएं. इसके 24 घंटे के अंदर एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाएं. अगर आप कुत्ता या बिल्ली पाल रहे हैं, तो उसका रेबीज वैक्सीनेशन ज़रूर कराएं.