42 पुलिसकर्मियों की मौत, इतनें नागरिकों की गई जान; बांग्लादेश में हालात कब होंगे सामान्य?

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Bangladesh Violence: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में पिछले दिनों से हलचल मची हुई है. पिछले महीने से ही देश में आरक्षण के विरोध में छात्र आंदोलन कर रहे थे. कुछ दिनों बाद यह आंदोलन हिंसक हो गया. हिंसा भरे इस आंदोलन के कारण 05 अगस्त को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया. हालात इतने बिगड़े कि उनको देश छोड़कर भागना पड़ा. वर्तमान में वह भारत में एक सुरक्षित स्थान पर हैं.

आरक्षण के विरोध में शुरू हुआ यह आंदोलन धीरे-धीरे हिंसा में तब्दील हुआ और इसके बाद देश में हालात इतने बिगड़े कि अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाने लगा. आंदोलन को काबू करने के लिए 15 साल से देश की प्रधानमंत्री की गद्दी पर काबिज शेख हसीना ने कर्फ्यू लगाया लेकिन 5 अगस्त को देश के लोग कर्फ्यू तोड़ कर सड़कों पर आ गए.

हिंसा की आग ऐसी चली कि सारी सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई. इस हिंसा भरे आंदोलन में अब तक 400 से अधिक लोगों की मौत हुई है. 42 पुलिसकर्मियों की जान गई है. वहीं, पूरे देश में 500 से अधिक लोग बुरी तरीके से घायल हैं.

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कई पुलिस स्टेशन आग के हवाले

बता दें कि बीते 05 अगस्त को गुस्साई भीड़ ने कई पुलिस स्टेशनों को आग के हवाले कर दिया. हिंसा के दौरान पूरे देश में 42 लोगों की जान गई है. हाल के दिनों में ही पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) की पोस्ट पर तैनात मोहम्मद मैनुल इस्लाम ने बताया कि देश में छिड़े छात्र आंदोलन के दौरान पुलिस बल के कम से कम 42 जवानों की जान गई है. वहीं, दो दर्जन से ज्यादा पुलिस के जवान घायल हैं. जिन पुलिसकर्मियों की मौत हुई है, इनमें तीन इंस्पेक्टर रैंक के और दो रब सदस्य शामिल हैं.

आईजीपी मोहम्मद मैनुल इस्लाम ने कहा कि 05 अगस्त को फैली हिंसा के दौरान घायल 500 पुलिस कर्मियों को फौरन अस्पताल ले जाया गया, जिसमें से 27 अभी भी अस्पताल में भर्ती है और उनका इलाज किया जा रहा है. आईजीपी इस्लाम ने बताया कि जो अधिकारी घायल हैं और अस्पताल में भर्ती हैं उनका उपचार किया जा रहा है.

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अल्पसंख्यकों पर वार

बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध शुरु हुआ आंदोलन हिंसा में बदल गया और अब इस गुस्साई भीड़ की नजर बांग्लादेश के हिंदुओं पर है. 05 अगस्त को बेकाबू भीड़ ने बांग्लादेश के कई मंदिरों को तोड़ा. हिंदुओं के घरों को आग के हवाले किया. उनके कारोबार पर भी अटैक किया. गोदामों में आग लगा दी गई. अभी भी बांग्लादेश के कई इलाकों में हिंसा जारी है और अब केवल अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है.

द प्रिंटलाइंस- 

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