4B Movement: लंबे चुनावी अभियान, रैली, भाषणों के बाद आखिरकार बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका का 47वें राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया, जिसके बाद हर किसी ने उन्हें जीत की बधाई दी, लेकिन उन्ही के देश की कुछ महिलाओं ने सोशल मीडिया पर दक्षिण कोरिया की 4बी (4B) आंदोलन की चर्चा शुरू कर दी.
4बी आंदोलन के ओर बढ़ रही अमेरिकी महिलाओं की रूचि
दरअसल, चुनावी प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने रो बनाम वेड को पलटने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के लिए बार-बार खुद को क्रेडिट दिया है. बता दें कि इस फैसले ने अमेरिका में गर्भपात के राष्ट्रीय अधिकार को समाप्त कर दिया था. डोनाल्ड ट्रंप फिर से सत्ता में वापसी के बाद से अमेरिकी महिलाओं की रूचि 4बी आंदोलन के ओर बढ़ती जा रही है.
4बी आंदोलन के समर्थन में महिलाओं ने किए पोस्ट
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद अमेरिका की महिलाओं ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर 4बी आंदोलन के समर्थन में कई पोस्ट किए हैं. इस दौरान एक महिला ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर किया कि “अमेरिकी महिलाओं! अब ऐसा लगता है कि हमें दक्षिण कोरिया के 4B आंदोलन से प्रभावित होने का समय आ गया है.”
वहीं, दूसरी महिला ने लिखा कि “दक्षिण कोरिया की महिलाएं ऐसा कर रही हैं, अब समय आ गया है कि हम भी उनके साथ जुड़ जाएं. ऐसे में पुरुषों को अब न कोई इनाम मिलेगा और न हमारा शरीर.”
आखिर क्या है 4B आंदोलन?
आपको बता दें कि इस 4B आंदोलन की शुरुआत साल 2019 में दक्षिण कोरिया की महिलाओं ने किया था. यह आंदोलन चार शब्दों के साथ शुरू किया गया था, जिसमें कोरियाई शब्द Bi को पहले जोड़कर बोला जाता है. कोरिया में इस शब्द का मतलब होता है ‘नो या नहीं’है.
ये हैं वो चार शब्द और ये उसका मतलब
दक्षिण कोरिया की महिलाओं द्वारा शुरू किए गए इस ‘4B आंदोलन’ में चार शब्दों को जोड़कर शुरू किया गया है. जिसमें पहला शब्द ‘बिहोन (Bihon)’ है, जिसका अर्थ है किसी विपरीतलिंगी यानी पुरुष से शादी नहीं. दूसरा शब्द ‘बिकुलसन (Bichilsan)’ है, जिसका अर्थ है- कोई बच्चा नहीं. तीसरा शब्द ‘बियोनाए (Biyeonae)’ है, जिसका अर्थ है- पुरुषों के साथ डेटिंग भी नहीं और वहीं चौथा शब्द ‘बिसेकसेउ (Bisekseu)’ है, जिसका अर्थ है- किसी विपरीतलिंगी यानी पुरुष के साथ यौन संबंध नहीं.
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