जॉर्जिया में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे 50 हजार से अधिक लोग, इस बिल को लेकर हो रहा हंगामा

Abhinav Tripathi
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Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Protest in Georgia: पूर्वी यूरोप के देश जॉर्जिया में इस समय सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. भारी बारिश में लोग सड़कों पर उतरे हैं. शनिवार को जार्जिया की राजधानी में शांतिपूर्ण तरीके से लोगों ने प्रदर्शन किया. बताया जा रहा है कि लोग ये प्रदर्शन ‘फॉरेन एजेंट बिल’ के विरोध में कर रहे हैं. इस कानून को रूस के कानून के जैसा बताया जा रहा है. इस बिल को आम जनता क्रेमलिन स्टाइल बिल बता रही है.

जार्जिया की राजधानी में प्रदर्शन कर रहे लोगों का मानना है कि इस कानून से सरकार आम जनता पर नकेल कसने की तैयारी में है. पिछले साल इसी बिल को लेकर विरोध किया गया था. बाद में इस बिल के विरोध के कारण सत्तारूढ़ जॉर्जियाई ड्रीम पार्टी ने इसे गिरा दिया था. इसके बाद इस बिल को एक बार फिर से लागू करने की तैयारी है, जिसके विरोध में लोगों ने मोर्चा खोला है. ये विरोध धीरे- धीरे विवाद पकड़ते जा रहा है.

जॉर्जिया सरकार के खिलाफ प्रदर्शनकारी शनिवार शाम को त्बिलिसी के मध्य यूरोप स्क्वायर पर जमा हुए थे. मूसलाधार बारिश के बीच प्रदर्शनकारियों ने “रूसी कानून को नहीं!”, “रूसी तानाशाही नहीं!” के नारे लगाए. फॉरेन एजेंट बिल पर अमेरिका की प्रतिक्रिया सामने आई है.

जार्जिया सरकार द्वारा लाए गए इस विधेयक को लेकर लोगों का कहना है कि इस क़ानून के ज़रिए सामाजिक संगठनों और स्वतंत्र मीडिया को मिलने वाले विदेशी चंदे को निशाना बनाया जा रहा है. लोगों ने इस कानून को ‘रूस के क़ानून’ जैसा बताया है. जिसके विरोध में लोग सड़कों पर उतरे हैं.

जार्जिया में विपक्षी दलों ने इस विधेयक की तुलना ‘रूस के क़ानून’ से इसलिए की है क्योंकि इसी तरह का बिल 2012 में रूस में लाया गया था. विपक्षी दलों के साथ लोगों का कहना है कि इस बिल के माध्यम से सरकार असहमति जताने वाली आवाज़ों को दबाने का काम करना चाहती है. इतना ही नहीं अमेरिका ने इस बिल को फ्री स्पीच के लिए ख़तरा बताया है.

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