F-47: अभी 5th Gen में ही लगें रूस और फ्रांस, अमेरिका ले आया छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

6th Generation Fighter: भारत-रूस और फ्रांस समेत कई देश जहां पांचवी पीढ़ी के फाइटर जेट बनाने में जुटी हुई है, वहीं, अब अमेरिका ने अपने छठी पीढ़ी के फाइटर जेट बनाने का ऐलान कर दिया है, जिसका नाम एफ-47 होगा. दुनिया में एफ-35, एफ-22 रैप्टर की आंधी लाने वाला अमेरिका अब एफ-47 से तहलका मचाने वाला है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस से इस फाइटर जेट की घोषणा की है, जो चीन के लिए भी बड़ा कदम माना जा रहा है. उन्‍होंने कहा कि अमेरिका की कुछ शीर्ष एयरोस्पेस कंपनियों के बीच कड़ी और गहन प्रतिस्पर्धा के बाद, वायु सेना नेक्स्ट जनरेशन एयर डोमिनेंस (एनजीएडी) प्लेटफॉर्म के लिए बोइंग को अनुबंध देने जा रही है. यह अनुबंध देश के उस लक्ष्य को पुख्ता करता है जिसके तहत वह पिछले दो दशकों से परिचालन में रहे पुराने एफ-22 स्टील्थ युद्धक विमान को अत्याधुनिक विमान से प्रतिस्थापित करना चाहता है.

ट्रंप ने नहीं किया सौदे की लागत का खुलासा

कहा जा रहा है कि एफ-47 विमान अमेरिकी वायुसेना में एक मजबूत उपस्थिति दर्ज कराता है, यह न सिर्फ मानवयुक्त संचालन के संदर्भ में, बल्कि इसलिए भी कि यह मानवरहित ड्रोनों के साथ सहजता से एकीकृत होने में सक्षम है. वहीं, अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए सौदे की लागत का खुलासा करने से परहेज किया. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, प्रारंभिक अनुबंध वायु सेना के लिए संस्करण के उत्पादन के साथ आगे बढ़ने की संभावना है, जिसकी अनुमानित कीमत 20 बिलियन डॉलर है.

एफ-47 क्यों है महत्वपूर्ण ?

बता दें कि एफ-47 विमान नई पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं, जिन्हें F-22 रैप्टर की जगह लेने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है, जो एक स्टील्थ लड़ाकू विमान है और 2000 के दशक की शुरुआत से ही परिचालन में है. दरअसल, अमेरिका के लिए F-47 अपनी हवाई क्षमताओं में एक वास्तविक छलांग होगी, जिसमें अगली पीढ़ी की विशेषताओं के साथ अत्याधुनिक तकनीक का मिश्रण होगा.

अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, एफ-47 विमान को मानवरहित ड्रोन के साथ-साथ संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो एक बहुमुखी और शक्तिशाली लड़ाकू मंच प्रदान करता है, जो विभिन्न प्रकार के मिशनों के लिए अनुकूल हो सकता है.

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