Abraham Accords Part 2: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने कहा है कि ट्रंप के साथ सऊदी अरब के साथ रिश्ते समान्य बनाने को लेकर बहुत अहम बैठक होने जा रही है. इसके साथ ही इजरायल और हमास के बीच युद्ध के दौरान बंधकों की रिहाई और आंतकी एक्सिस पर भी चर्चा होगी.
दरअसल, ट्रंप के अमेरिकी सत्ता में दोबारा लौटने से पहले हमास और इजरायल के बीच युद्ध विराम समझौता हुआ और कई बंदियों की रिहाई भी हुई. इससे अब उम्मीद बढ़ने लगी है कि खाड़ी देशों में शांति आएगी.
ताकत के बल पर शांति हासिल करने का प्रयास
नेतन्याहू ने कहा कि वो इस मुलाकात में ट्रंप के साथ सऊदी अरब के साथ रिश्ते सामान्य करने को लेकर बातचीत करेंगे. इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं शांति के दायरे को बढ़ाने पर बात करूंगा. ताकत के बल पर शांति हासिल करने के प्रयास किए जाएंगे. नेतन्याहू के प्रवक्ता दोस्तरी ने कहा कि हमारी इच्छा शांति पर पहुंचने की है और दूसरे पक्ष की भी यही मंशा है.
इजरायल और अरब देशों के बीच का अब्राहम समझौता
ट्रंप चाहते हैं कि अपने दूसरे कार्यकाल में वह अब्राहम अकॉर्ड 2 करें जिससे इजरायल और सऊदी में दोस्ती हो जाए. बता दें कि इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच 2020 में अब्राहम समझौता हुआ था. अब्राहम के नाम की खासियत ये है कि इसे इस्लाम, ईसाई और यहूदी तीनों ही धर्मों में पवित्रता के साथ लिया जाता है. इसका मतलब सहयोग की भावना है.
सऊदी अरब ने नहीं किया अब्राहम समझौते का पालन
दरअसल, अब्राहम समझौते का मुख्य मकसद अरब और इजरायल के बीच आर्थिक, राजनयिक और सांस्कृतिक स्तर पर संबंधों को सामान्य बनाना था. सितंबर 2020 में हस्ताक्षरित ऐतिहासिक अब्राहम समझौते ने इज़रायल और यूएई और बहरीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की, जिससे 41 साल का गतिरोध टूट गया. हालांकि, सऊदी अरब अब्राहम समझौते का समर्थक था, लेकिन उसने इसका पालन नहीं किया.
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