Afghanistan Taliban Govt: इन दिनों पाकिस्तान और तालिबान के बीच लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है. दोनों देशों के बीच आए दिन सीमा पर झड़पे हो रही है. पाकिस्तान कभी तुर्खम बॉर्डर बंद कर देता है, तो कभी हवाई अटैक कर देता है. वहीं, तालिबान की अंतरिम सरकार का कहना है कि पाकिस्तान जानबूझ कर अपने मूल्क में अफगानियों को परेशान कर रहा है. वहीं, अपने मुल्क के हालातों के नाकामयाबी का आरोप अफगानिस्तान पर मढ़े जा रहे है. यही वजह है कि अफगानिस्तान अब नए रास्ते तलाश रहा है, ऐसे में उसे भारत साथ खड़ा दिख रहा है.
वहीं, हाल ही में तालिबान के मंत्री मुत्ताकी ने भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी से मुलाकात की. इस दौरान दोनों देशों के बीच चाबहार पोर्ट से व्यापार करने को लेकर बात हुई है. इस बातचीत के दौरान तालिबान ने इस एयरपोर्ट के जरिए सेंट्रल एशिया में व्यापार को आगे बढ़ाने पर दिलचस्पी दिखाई.
हवाई सीमा को मजबूत करेगा तालिबान
दरअसल, तालिबान अक्सर इस बात को दोहराता रहता है कि अफगानिस्तान की सुरक्षा एक बड़ा मसला है. उनके देश में कभी भी कोई घुसकर बम गिराकर चला जाता है. कभी ईरान से तनाव हुआ तो उसकी तरफ से एयरस्ट्राइक कर दी जाती है. कभी पाकिस्तान द्वारा ड्रोन भेज दिया जाता है. ऐसे में अब तालिबान हवाई सीमा को मजबूत करने के बारे में सोच विचार कर रहा है.
नागरिक उड्डयन को खतरे में डाल सकते है रूसी हथियार
अफ़गानिस्तान में बेहतर हवाई सुरक्षा ऐसे ड्रोन ऑपरेशन को जटिल बना सकती है. हालांकि तालिबान का कहना है कि अमेरिकी ड्रोन देश के हवाई क्षेत्र में गश्त कर रहे थे और उल्लंघन कर रहे थे. वहीं, हाल ही में आए एक रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के रक्षा मंत्रालय के रसद विभाग के प्रमुख ने रूस से वायु रक्षा प्रणाली खरीदने में रुचि व्यक्त की है, जो एक गंभीर खतरा है. क्योंकि जानकारों का मानना है कि रूस द्वारा समूह को दी जाने वाली कोई भी हवाई रक्षा नागरिक उड्डयन को खतरे में डाल सकती है.
भारत की रक्षा प्रणाली तालिबान के लिए विकल्प
वहीं, अफ़गान हवाई क्षेत्र यूरोप और एशिया के बीच एक प्रमुख मार्ग बन गया है, कई एयरलाइनर जो वर्षों से इसे टाल रहे थे, उन्होंने मध्य पूर्व में इज़रायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच देश के ऊपर से अपनी उड़ानों की संख्या बढ़ा दी है. ऐसे में भारत द्वारा हाल ही में विकसित बहुत कम दूरी की रक्षा प्रणाली तालिबान के सामने आने वाले ड्रोन अटैक के खिलाफ अलग विकल्प हो सकता है.
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