AI Act: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से शुरूआत में किसी भी काम को करने में जितनी आसानी होती थी, अब इसका इस्तेमाल उतना ही खतरनाक हो गया है. AI से केवल भारत में ही नहीं, बल्कि अमेरिका समेत दुनिया के कई देश परेशान हैं. AI के फायदे तो हैं मगर इसका ज्यादातर इस्तेमाल गलत कार्यों में किया जा रहा है. हालांकि पूरी दुनिया में लंबे समय से इसे रेगुलेट करने की बात हो रही थी लेकिन अभी तक इसे लेकर कोई कानून नहीं बना है.
यूरोपियन संघ ने भरी हामी
कहीं अब जाकर यूरोपियन संघ ने AI के खिलाफ कानून बनाने पर सहमती दिखाई है. रिपोर्ट के अनुसार यूरोपियन यूनियन ने पहली बार एआई के खिलाफ कानून बनाने के लिए हामी भरी है. अगर यूरोपियन यूनियन एआई को लेकर कोई कानून बनाता है तो पूरी दुनिया में ऐसा पहली बार होगा जब एआई कानून के दायरे में आएगा.
खतरों को कम करेगा एआई अधिनियम
यदि एआई को लेकर कोई कानून बनता है तो उसे एआई अधिनियम (AI Act) कहा जाएगा. एआई अधिनियम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फील्ड में तेजी से हो रहे विकास और जोखिमों को कंट्रोल करेगा. बता दें कि यह कानून हानिकारक एआई प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाता है जिसमें लोगों की सुरक्षा, आजीविका और अधिकार शामिल हैं.
2021 में दी गई थी प्रस्तावना
दरअसल, एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, यूरोपीय संसद के अध्यक्ष रोबर्टा मेत्सोला ने एआई कानून को लेकर कहा कि एआई के तेजी से बढ़ते दुरूपयोग को रोकने के लिए कानून का होना आवश्यक है. बता दें कि एआई के खिलाफ कानून को लेकर साल 2021 में ही प्रस्तावना दी गई थी.
डीपफेक को लेकर आएगा कानून
रिपोर्ट के अनुसार, कानून के आने के बाद इसके दायरे में ओपनएआई के चैटजीपीटी जैसे चैटबॉट आ जाएंगे. इसके साथ ही गूगल बार्ड, जेमिनी और मेटा के इमेजिन को भी इस कानून का सामना करना होगा. आपको बता दें कि भारत में जल्द ही डीपफेक को लेकर भी कोई कानून आ सकता है.