Israel Hezbollah War: इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच जारी जंग को रोकने के लिए अमेरिका आगे आ गया है. पिछले तीन दिनों में यूएन असेंबली की बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अन्य अमेरिकी अधिकारियों ने कई देशों को सीजफायर का समर्थन करने के लिए अपील की. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का मानना है कि ऐसा करने दोनों देशों के बीच लंबे समय तक शांति बनाई जा सकती है.
वहीं, बुधवार को अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन दोनों के बीच बढ़ते विवाद को शांत करने के लिए सीजफायर के लिए एक प्रस्ताव पेश कर सकता है. ऐसे में माना जा रहा है कि इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच जारी भयावह संघर्ष को रोकने में अमेरिका अहम भूमिका निभा सकता है.
अधिकारियों ने किया सीजफायर का समर्थन
दरअसल, यूएन असेंबली की बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अन्य अमेरिकी अधिकारियों ने कई देशों को सीजफायर का समर्थन करने के लिए अपील की थी. बाइडेनन प्रशासन का ये प्लान है कि ऐसा करने पर दोनों देशों के बीच लंबे समय तक शांति बनाई जा सकती है.
अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती
हालांकि, इजराइल और हिजबुल्लाह पर अमेरिका का सीजफायर वाला फैसला कितना असर करेगा, ये तो बाइडेन के ऐलान के बाद ही पता ही चलेगा, लेकिन मौजूदा हालातों को देखते हुए ये कह पाना मुश्किल होगा कि इन दोनों में संघर्ष विराम हो सकता है. क्योंकि इजराइल-हिजबुल्लाह एक दूसरे पर लगातार मिसाइल दाग रहे हैं. ऐसे में दोनों देशों को रोकना अमेरिका के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.
ज्ञात हो कि एक तरफ अमेरिका सीजफायर करवाने का प्लान कर रहा है तो दूसरी तरफ इजराइली सेना हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर अपने रिजर्व सैनिकों को एक्टिव कर रही है. युद्ध की बढ़ती आशंका को देखते हुए भारतीय दुतावास ने अपने नागरिकों को लेबनान छोड़ने को कह दिया है.