US News: पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान में तनाव चरम पर है. इस हमले को लेकर सिर्फ भारत ही नहीं दुनियाभर के अन्य देशों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. इसी क्रम में अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में भारतीय प्रवासी समुदाय के लोगों ने पहलगाम हमले के पीड़ितों की याद में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया.
मारे गए लोगों की तस्वीर लेकर पहुंचे प्रदर्शनकारी
प्रदर्शनकारी अपने साथ कश्मीर में मारे गए हिंदुओं की तस्वीरें लेकर पहुंचे थे. कुछ लोगों के हाथ में पोस्टर भी थे, जिनमें लिखा था कि हिंदुओं को निशाना बनाना बंद करें. इसके अलावा आतंकवाद का विरोध करने वाले पोस्टर भी थे. कई प्रदर्शनकारियों ने भारत का झंडा ले रखा था. वहीं, कुछ प्रदर्शनकारियों के हाथों में अमेरिका का झंडा था. इस दौरान एक कश्मीरी पंडित ने अपना दर्द सबसे सामने रखा. उन्होंने बताया कि कैसे धर्म की वजह से उनके परिवार को मार दिया गया.
#WATCH | Washington DC, US: Members of the Indian diaspora hold a peaceful demonstration in memory of #PahalgamTerroristAttack victims. pic.twitter.com/xamn4WH0EO
— ANI (@ANI) April 27, 2025
कश्मीर पंडित का दर्द
कश्मीरी पंडित स्वप्ना रैना ने कहा “मैं यहां इसलिए आई हूं, क्योंकि मैंने कष्ट झेले हैं और हमें हमारे धर्म के वजह से निशाना बनाया गया. मेरे दादा जी हिंदू थे इसलिए उनको निशाना बनाकर गोली मार दी गई. 22 अप्रैल का दिन मेरे लिए बुरे सपने के समान है. हम कश्मीरी हिंदू भी यही सब झेल रहे हैं और हमारे साथ दशकों से हो रही भयावह घटनाओं को फिर से जी रहे हैं. हमें या तो इस्लाम अपनाने, भाग जाने या मरने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया. लगभग चार लाख से ज्यादा कश्मीरी हिंदू रातों-रात अपने-अपने घर छोड़कर भाग गए.”
#WATCH | Washington DC, US: Swapna Raina, a Kashmiri Pandit, says, "…I'm here because I suffered, and we were singled out for the faith that we followed. My grandfather was targeted and was shot. He was targeted because he was a Hindu as well. April 22 brought back a lot of… https://t.co/mGK0yjhDSJ pic.twitter.com/Ki7ZWwAAxD
— ANI (@ANI) April 28, 2025
स्वप्ना रैना ने कहा “मैं यहां उन सभी कश्मीरी हिंदुओं की ओर से बोल रही हूं, जो अभी भी उन सभी झूठी कहानियों का सामना कर रहे हैं जो फैलाई जा रही हैं. हमसे अभी भी यह साबित करने के लिए कहा जा रहा है कि यह वास्तव में हमारे साथ हुआ था. ईमानदारी से कहूं तो हमारा दिल रो रहा है, हमारी आंखें रो-रोकर सूख गई हैं. 22 अप्रैल को ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था. यह मानवता के मुंह पर एक तमाचा है.”
इस्लामी आतंकवाद को रोकना जरूरी
स्वप्ना ने आगे कहा कि “इस्लामी आतंकवाद को रोकना होगा. लोगों को सभी धर्मों को समझना, स्वीकार करना और उनका सम्मान करना चाहिए. किसी को भी अपने धर्म के वजह से नहीं मरना चाहिए और यही कारण है, मैं यहां जागरूकता बढ़ाने और तथ्यों और सच्चाई को सामने लाने की कोशिश कर रही हूं.
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