America On Bangladesh Minorities: बांग्लादेश में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की मुसीबते कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. ऐसे में अमेरिका ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए कहा कि वो बांग्लादेश में घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस ब्रीफिंग में यह खुलासा किया.
रिपोर्ट के मुताबिक, जॉन कर्बी से सवाल किया गया कि पिछले कुछ समय से देशभर में कई हिंदू अमेरिकी समूहों द्वारा विरोध मार्च निकाला जा रहा है, एक मार्च वीकेंड में व्हाइट हाउस के बाहर निकाला गया. वे शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद “बांग्लादेश में हिंदुओं और मंदिरों की लगातार हत्याओं” के खिलाफ़ विरोध कर रहे हैं. क्या राष्ट्रपति को इन सब के बारें में पता है. और क्या उन्होंने संयुक्त राष्ट्र बैठक के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख डॉ. मुहम्मद यूनुस के साथ मुलाकात के दौरान इस मुद्दे पर बात की थी.
अंतरिम सरकार के साथ मिलकर कर रहे काम:किर्बी
सवाल का जवाब देते हुए किर्बी ने कहा हम इस पर बहुत, बहुत बारीकी से नजर रख रहे हैं और राष्ट्रपति भी. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के पदच्युत होने के बाद बांग्लादेश में सुरक्षा की स्थिति कठिन हो गई है और हम इस चुनौती से निपटने के लिए उनकी कानून प्रवर्तन और सुरक्षा सेवाओं की क्षमता बढ़ाने के लिए अंतरिम सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
‘बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सुरक्षा का दिया है भरोसा’
उन्होंने आगे कहा कि हम सभी बांग्लादेशी नेताओं के साथ अपनी बातचीत में बहुत स्पष्ट रहे हैं कि देश में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है. हालांकि अंतरिम सरकार के नेताओं ने धर्म या जाति की परवाह किए बिना सभी बांग्लादेशियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बार-बार प्रतिबद्धता जताई है. ऐसे में अब देखना ये है क्या आने वाले समय में बांग्लादेश के अल्पसंख्यको के स्थिति में कुछ सुधार होता है या नहीं.
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