Who is Kash Patel: अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक और भारतीय पर भरोसा जताते हुए उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है, जिसके बाद वाशिंगटन में हलचल मच गई है. ट्रंप ने काश पटेल को फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के निदेशक के रूप में नामित किया है. इस बात की जानकारी खुद ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी है.
ट्रंप ने काश पटेल को दी बड़ी जिम्मेदारी
30 नवंबर, शनिवार को ट्रंप ने ट्रुथ पर लिखा, “मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि कश्यप ‘काश’ पटेल फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के अगले निदेशक के रूप में काम करेंगे.” ट्रंप ने आगे लिखा, “काश एक शानदार वकील, इन्वेस्टिगेटर और ‘अमेरिका फर्स्ट’ योद्धा हैं जिन्होंने अपना करियर भ्रष्टाचार को उजागर करने, न्याय की रक्षा करने और अमेरिकी लोगों की रक्षा करने में बिताया है.”
FBI ही बना था ट्रंप के अभियोग का कारण
एक और नियुक्ति डोनाल्ड ट्रंप के उस दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसमें वो सरकार की कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों में बदलाव को जरूरी समझते हैं. इसके साथ ही ये बदलाव ये भी बताता है कि डोनाल्ड ट्रंप फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के वर्किंग पैटर्न से नाराज हैं. दरअसल, एफबीआई ही ट्रंप के अभियोग का कारण बना था.
नियुक्ति के बाद क्रिस्टोफर रे की जगह लेंगे काश पटेल
बता दें कि साल 2017 में डोनाल्ड ट्रंप ने क्रिस्टोफर रे को एफबीआई चीफ के पद पर नियुक्त किया था, लेकिन वो ट्रंप और उनके सहयोगियों के खिलाफ जाने लगे. ऐसे में अगर काश पटेल की नियुक्ति हो जाती है, तो वो क्रिस्टोफर रे की जगह लेंगे. वैसे तो फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के पद का कार्यकाल 10 साल का होता है, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की और एफबीआई के बीच चल रही आलोचनाओं को देखते हुए उनको पद से हटाए जाने की अटकलें चल रहीं थीं.
कौन हैं काश पटेल
बता दें कि काश पटेल एक वकील हैं. उनके माता-पिता भारतीय हैं. काश पटेल “गवर्नमेंट गैंगस्टर्स: द डीप स्टेट, द ट्रुथ, एंड द बैटल फॉर अवर डेमोक्रेसी” के अलावा पटेल “द प्लॉट अगेंस्ट द किंग” जैसे किताब भी लिख चुके हैं. ट्रंप की इस घोषणा के बाद पटेल ने कहा कि उनका इरादा उन सरकारी अधिकारियों पर आक्रामक रूप से शिकंजा कसना है जो पत्रकारों को जानकारी लीक करते हैं और उन पर मुकदमा चलाना आसान बनाने के लिए कानून में बदलाव करते हैं.