America warns Hezbollah: इस्राइल-हिजबुल्लाह के बीच हमले बढ़े, अमेरिका ने लेबनान को दी चेतावनी

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

America warns Hezbollah: दुनिया पहले ही इजराइल-हमास और रूस यूक्रेन जैसे युद्धों से जूझ रही है, ऐसे में अब एक और संघर्ष की आहट ने चिंता बढ़ा दी है. दरअसल इस्राइल और हिजबुल्लाह के बीच हमले लगातार बढ़ते जा रहे है. जिससे दोनों पक्षों के पूर्ण युद्ध का ऐलान करने की आशंका जताई जा रही है. जिसे लेकर पूरी दुनिया में चिंता है.

वहीं, अमेरिका, यूरोप, मिस्त्र और कतर ने लेबनान के सशस्त्र संगठन हिजबुल्ला को इजरायल पर हमलों को रोकने के लिए चेतावनी भी दी है. उनका कहना है कि ऐसा करके वह अरब क्षेत्र में युद्ध को बढ़ावा दे रहा है. जबकि हालातों के मद्देनजर अमेरिका ने भी इस्राइल के समर्थन में अपना युद्धपोत भूमध्य सागर भेज दिया है.

इजराइल हिजबुल्लाह के खिलाफ करेंगा कार्रवाई

दरअसल इजराइली हमले में हिजबुल्लाह के एक शीर्ष कमांडर की मौत के बाद हिजबुल्लाह ने भी जवाबी कार्रवाई में इजराइल पर बड़ी संख्या में रॉकेट और मिसाइलें दागीं. ऐसे में इजराइल ने संकेत दिए है कि वो हमास के खिलाफ अभियान समाप्त होने के बाद लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई करेगा. जिसके लिए सीमा पर सैनिकों का जमावड़ा भी लगने नगा है.

लेबनान पर हमले से इजरायल को रोकना मुश्किल

दरअसल, हिजबुल्ला ईरान समर्थित शिया मुस्लिमों का सशस्त्र संगठन है. उसके पास 50 हजार से ज्यादा लड़ाके और मिसाइलों-रॉकेटों का बड़ा जखीरा है. लेबनान में सक्रिय इस संगठन की वहां की सत्ता में भी भागीदारी है. इस संगठन को क्षेत्र में हमास की तुलना में बड़ा और मजबूत सशस्त्र संगठन माना जाता है. यही वजह है कि बड़ी लड़ाई छिड़ने की आशंका से अमेरिका और यूरोप ने हिजबुल्ला को युद्ध के खतरे से आगाह किया है. अमेरिका ने कहा है कि इजरायल पर हिजबुल्ला के हमले जारी रहे तो लेबनान पर हमले से इजरायल को रोक पाना मुश्किल होगा.

ऐसा कोई युद्ध लेबनान की त्रासदी का कारण

अमेरिका के रक्षा मंत्री लायड ऑस्टिन ने कहा है कि यदि ऐसा कोई युद्ध होता है तो वह लेबनान की त्रासदी का कारण होगा. वहीं, कई जानकारों का मानना है कि यदि हिजबुल्लाह, इस्राइल पर हमला करता है तो क्षेत्र के अन्य विद्रोही संगठन भी उसके साथ आ सकते हैं. ऐसे में यूरोप को डर है कि ऐसा हुआ तो इससे शरणार्थी समस्या बढ़ेगी और बड़ी संख्या में लोग शरण के लिए यूरोपीय देशों का रुख कर सकते हैं.

जबकि संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रीफिथ ने कहा है कि यह युद्ध लेबनान के लिए सर्वविनाशकारी साबित हो सकता है. फ्रांस, मिस्त्र और कतर ने भी हिजबुल्ला को ऐसी ही चेतावनी दी है.

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