Bangladesh Attack on Hindus: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले का मामला अब अमेरिका में भी पहुंच गया है. अमेरिका के लोग भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले का विरोध कर रहे हैं. वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के बाहर बड़ी तादाद में लोगों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे जुल्म के विरोध में प्रदर्शन कर आवाज उठाई.
दरअसल, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले के खिलाफ अब अमेरिका में भी आवाज उठने लगी है. भारतीय मूल के दो प्रमुख अमेरिकी सांसदों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हो रहे हमलों को रोकने के लिए अमेरिका के सीधे हस्तक्षेप की मांग की है. इन सांसदों ने इस बात का जिक्र किया है कि उस क्षेत्र में “धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा से प्रेरित” अस्थिरता अमेरिका या उसके सहयोगियों के हित में नहीं है.
बांग्लादेश के दो हिंदू संगठनों – बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद – के अनुसार, पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को 52 जिलों में हमलों की कम से कम 205 घटनाओं का सामना करना पड़ा है. हिंसा से बचने के लिए हज़ारों बांग्लादेशी हिंदू पड़ोसी देश भारत भागने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि इन्हें भारतीय जवानों ने बॉर्डर से ही वापस कर दिया.
जानिए क्या बोले अमेरिकी सांसद…
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर भारतीय मूल के अमेरिका सांसदों ने व्हाइट हाउस इस मुद्दे को उठाया और उनकी सुरक्षा की मांग की. अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को लिखी चिट्टी में कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जारी अत्याचारों के खिलाफ उनका यह रुख, केवल उनका ही रुख नहीं है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई लोगों ने, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ जारी हिंसा की निंदा की है, जिनमें उनके अपने जिले के कुछ लोग भी शामिल हैं.
बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों की सहायता करें
मिशिगन के सांसद श्री थानेदार ने ब्लिंकन को आगे लिखा, “मोहम्मद यूनुस के बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालने के साथ, अमेरिका का यह दायित्व है कि वह हिंसा और अशांति समाप्त करने में इस नयी सरकार की सहायता करे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं बाइडन प्रशासन से आग्रह करता हूं कि सताये गए बांग्लादेशी हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को शरणार्थी के रूप में अस्थायी संरक्षित दर्जा दिया जाए.”
सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने भी हस्तक्षेप की मांग की
वहीं, भारतीय मूल के सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने भी व्हाइट हाउस में हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर आवाज उठायी. उऩ्होंने कहा कि विभिन्न मीडिया खबरों में हिंदू विरोधी हमलों की विश्वसनीय प्रत्यक्षदर्शी रिपोर्ट हमलों के पैमाने को प्रदर्शित करती है. कृष्णमूर्ति ने विदेश मंत्री को पत्र में लिखा, “मैं आपको यह पत्र बांग्लादेश में अस्थिर स्थिति और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद हिंदू विरोधी समन्वित हिंसा के बढ़ने को लेकर लिख रहा हूं. अब जब मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ले ली है, तो यह अत्यंत आवश्यक है कि अमेरिका हिंसा को समाप्त करने और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए उनकी सरकार के साथ मिलकर काम करे.”
#WATCH | The US: A large number of people gathered and protested outside the White House in Washington, DC, on 10th August, against the recent attacks on Hindus in Bangladesh. pic.twitter.com/YihvVS91bl
— ANI (@ANI) August 11, 2024
इससे पहले भी हुए हैं हिंदुओं पर हमले
उन्होंने कहा, “दुख की बात है कि यह पहली बार नहीं है कि बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने हिंदू विरोधी हिंसा का रूप ले लिया है. अक्टूबर 2021 में हिंदू विरोधी दंगों में सैकड़ों घरों, व्यवसायों और मंदिरों को नष्ट करने के बीच नौ लोग मारे गए थे. 2017 में, 107 से अधिक हिंदू मारे गए थे और 37 ‘गायब’ हो गए. कृष्णमूर्ति ने कहा कि क्षेत्र में “धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा से प्रेरित अस्थिरता, स्पष्ट तौर पर अमेरिका या हमारे सहयोगियों के हित में नहीं है.’’