Anti-Satellite Weapon: संयुक्त राष्ट्र में अंतरिक्ष हथियारों के मुद्दे पर हाल ही के हफ़्तों में रूस और अमेरिका – दो वैश्विक प्रतिद्वंद्वी बार-बार भिड़ चुके हैं. दोनों एक-दूसरे पर अंतरिक्ष को सैन्यीकृत करने का आरोप लगाते हैं. ऐसे में ही मंगलवार को रूस की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने दावा किया कि अमेरिका अंतरिक्ष को “सैन्य टकराव के क्षेत्र” में बदलने का प्रयास कर रहा है. वहीं, कई सैन्य विशेषज्ञ लंबे समय से चेतावनी दे रहे हैं कि तेजी से प्रौद्योगिकी-निर्भर दुनिया में अंतरिक्ष युद्ध का अगला मोर्चा बन सकता है.
Anti-Satellite Weapon: अंतरिक्ष विरोधी हथियार
वहीं, अमेरिका का कहना है कि रूस ने पिछले हफ़्ते जो सैटेलाइट लॉन्च किया है वह अन्य उपग्रहों पर हमला करने में सक्षम हो सकता है. पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने कहा कि “रूस ने पृथ्वी की निचली कक्षा में एक उपग्रह लॉन्च किया है जो संभवतः एक अंतरिक्ष विरोधी हथियार है. यह अमेरिकी सरकार के एक उपग्रह के “समान कक्षा” में था. उन्होंने आगे कहा कि वाशिंगटन स्थिति पर नज़र रखेगा और अपने हितों की रक्षा के लिए तैयार रहेगा. हालांकि इस मामले पर रूस ने अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है.
उपग्रहों पर हमला करने में सक्षम
हालांकि जनरल राइडर ने कहा कि पेंटागन का मानना है कि रूसी उपग्रह “संभावित रूप से पृथ्वी की निचली कक्षा में अन्य उपग्रहों पर हमला करने में सक्षम है. रूस ने इस नए अंतरिक्ष विरोधी हथियार को अमेरिकी सरकार के एक उपग्रह के समान कक्षा में तैनात किया. उन्होंने कहा कि हमारे पास इस क्षेत्र, अंतरिक्ष क्षेत्र की रक्षा और संयुक्त बल को निरंतर और निर्बाध सहायता सुनिश्चित करने के लिए तैयार रहने का दायित्व है.”
हालांकि इसे लेकर रूस की रोस्कोस्मोस राज्य अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि 17 मई को लॉन्च “रूसी संघ के रक्षा मंत्रालय के हितों में” था. इसके लॉन्च वाहन सोयुज -2.1b का उपयोग किया गया था.
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